घर में आओ लक्ष्मी माता, आओ पधारो श्री गणराजा। घर में आओ लक्ष्मी माता, आओ पधारो श्री गणराजा॥ दीवाली का त्यौहार आया, हमने घर को दीपो से सजाया। माँ मेरे घर आना भक्तो को भूल न जाना, सबके घर में चरण धर जाना॥ घर में आओ लक्ष्मी माता। आओ पधारो श्री गणराजा॥ धन की देवी
धारा तो बह रही है श्री राधा नाम की, हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के, हम हो गए दीवाने श्री राधा नाम के, धारा तो बह रही हैं श्री राधा नाम की। सूझे कुछ और नाही वृन्दावन धाम के, सुझे कुछ और नाही श्री राधा नाम के। धारा वो बह गई हैं श्री
तर्ज :क्या मिलिये ऐसे लोगों से.. साँचे मन से पितृ देव के, चरणों में करना फरियाद, ऋतु अनुसार ही दान-धर्म हो, तब ही मिलेगा आशीर्वाद, कलश घड़े का दान करो, ग्रीष्म ऋतु में जल की सुराही, ए.सी. कूलर फ्रीज पॅखा दे, पित्तरों का सम्मान करो, शीतल मन से ब्राह्मण देवा, दे देवेंगे आशीर्वाद। ऋतु अनुसार…..
तर्ज : बाबुल का ये घर बहना…. पितरों की किरपा से, घर आँगन महक रहा, हमारा ये घर परिवार, खुशियों से है, चहक रहा…. पितरों ने महर करी, कारोबार भी, बढ़ता गया, सुख समृद्धि मिली, नाम कुल का भी, चढ़ता गया, पित्तरों की महिमा से, आज कुल सारा दमक रहा….।1। पित्तरों की पूजा से, आज
तर्ज : दिल के अरमां आसुवों में बह गये.. पित्तरां को दरसाव म्हानै, हो रहयो पित्तरां की भगति में मनड़ो, खो रहयो… पित्तरां की शक्ति नै म्है तो, जाणग्या हर घड़ी, अहसास म्हानै, हो रहयो…. पित्तरां की सकलाई म्हानै, मिल रही पित्तरां को वरदान म्हानै, मिल रहयो… पित्तरां को वासो म्हारै हिवड़ मै है मन
Song – O Desh Mere Movie – Bhuj: The Pride Of India Singer – Arijit Singh ओ, देस मेरे, तेरी शान पे सदके कोई धन है क्या तेरी धूल से बढ़ के? तेरी धूप से रोशन, तेरी हवा पे ज़िंदा तू बाग़ है मेरा, मैं तेरा परिंदा है अर्ज़ ये दीवाने की, जहाँ भोर सुहानी
तर्ज:- खाटू को श्याम रंगीलो जी… पितरां की शान निराली जी, पितरां की पितरां की सकलाई ठाडी घर-घर मायँ रुखाली जी, पितरां की, कोई (2) घर मँ दयो पितरां ने वासो पैण्डै मांहि दिवलो चासो ज्योति बड़ी महरां वाली, पितरां की, कोई(2) पितरां को है वास सुहाणो पितरां नै नही कदै भुलाणो पूजा सुख देणै
तर्ज:- वक्त ने किया, क्या हरीं सितम सांवरे के दर बढ़ाले हर कदम, छुट जायेंगे तेरे हर ये गम…. सारथी बनो कृष्ण से कहो, ले जाये जिस दिशा उसी दिशा बहो, गीता का ले तु ज्ञान,अपनी बना पहचान, जो साथ हे तेरे, वही है परम ब्रहम…. जीत जायेगा तु हर एक जंग, हे सांवरा खड़ा
तर्ज :- झुमका गिरा रे बरेली के बाजार… || टेर || तू क्यूं घबरावे है, खाटू में सेठ लुटावे है मोटा-मोटा सेठ जगत का, श्याम क दरपे जावे, खाली झोली लेकर आवे, भर क सब ले जावे, ऐसो है दातार दयालु, बाबो खाटूवालो, बन्द पडया तकदीर का ताला, सबका खोलण वालो, भई सबका खोलण वालो,
सोने की लंका जलाए गयो रे, एक छोटो सो वानर, छोटो सो वानर, एक छोटो सो वानर, रावण को पानी पिलाए गयो रे, एक छोटो सो वानर, सोने की लंका जलाये गयो रे… बालापन में सूरज ने निगल्यौ, फल समझ कर खा गयो रे, एक छोटो सो वानर, सोने की लंका जलाये गयो रे… शक्ति