Category: Chetawani Bhajan

गुरु देव जगावे सूतोड़ा जागो Guru Dev Jagave Sutoda Jago hit lyricsverified 

मारवाड़ी में :Guru Dev Jagave Sutoda Jago hit lyrics गुरु देव जगावे, सूतोड़ा जागो। राम जी रा भजना सु, कइया भागो। राजाराम जी रा, भजना सु, कइया भागो। काई रे काम करवा, भेज्यो रे राम जी। काई काम करण, थारो मन लागो। राम जी रा भजना सु, कइया भागो। गुरु देव जगावे, सूतोड़ा जागो। रामजी

मात-पिता सूं दगो करेलाVerified Lyrics 

॥ दोहा ॥ मात-पिता परमात्मा, पति सेवा गुरु ज्ञान। इनसे हिल मिल चालिए, वो नर चतुर सुजान॥ मात-पिता सूं दगो करेला, चार जनम दुख पावे। लख चौरासी फिरे भटकतो, सीधो नरक में जावे रे, मनवा , इतरो क्यूं इतरावे॥ पेला रे जनम में बणे बलधियो, पकड़ तेली घर लावे। आँख्या रे थारे पाटो बांध ने,

मानव तू है मुसाफिर, दुनिया है धर्मशाला

मानव तू है मुसाफिर, दुनिया है धर्मशाला, संसार क्या है सपना, वो भी अजब निराला॥ ये रेन है बसेरा, है किराये का ये डेरा, उसमें फसा है ये फेरा, ये तेरा है ये मेरा॥ शीशे को मान बैठा, तू मोतियों की माला, संसार क्या है सपना, वो भी अजब निराला, मानव तू है मुसाफिर, दुनिया

मन रे काई करबा ने आयोVerified Lyrics 

मन रे काई करबा ने आयो, वृथा जन्म लियो धरती पर। जन्म लेर पछतायो॥ मिनख जमारो दियो रामजी, प्रारब्ध से पायो। थारी-म्हारी करता करता, कदै न हरि गुण गायो। मन रे कांई करबा ने आयो॥ मृग-तृष्णा में फंसग्यो भान्दू, दौड़-दौड़ कर धायो। कदै न प्यास मिटी न थारी, सूखो सरवर पायो। मन रे कांई करबा

जीवन बहता पानी रे, प्राणी काहे करे तूँ गुमानVerified Lyrics 

जीवन बहता पानी रे, प्राणी काहे करे तूँ गुमान रे। करे तू गुमान रे, अरे इंसान रे॥ दो दिन की जिंदगानी रे, प्राणी काहे, करे तूँ गुमान रे। जीवन बहता पानी रे, प्राणी काहे, करे तूँ गुमान रे॥ धन और दौलत, बड़ा ही कमाया, इस माया ने, हरि को भुलाया, माया तो, आनी है जानी

काया ने सिंगार कोयलिया, पर मंडली मत जइजो रेVerified Lyrics 

काया ने सिंगार कोयलिया, पर मंडली मत जइजो रे। (काया ने सिंगार कोयलिया, पर मंडली मत जइजो रे) पर मंडली रा नही भरोसा, अध बिच में रूल जावो रे। (पर मंडली रा नही भरोसा, अध बिच में रूल जावो रे) काया ने सिंगार कोयलिया… खारे समुन्द्र रो खारो पानी, वो पानी मत लाहिजो रे। (खारे

कलजुग झाला देतो आवेVerified Lyrics 

॥दोहा॥ आठ पहर यू ही गया, माया मोह जंजाल। राम नाम हृदय नहीं, जीत लिया जम काल॥ कलजुग झाला देतो आवे रे, चौडे धाडे। चौडे धाडे ओ, कलजुग हेला मारे। कलयुग झाला देतो आवे रे, चौडे धाडे॥ ॥टेर॥ सतयुग त्रेतायुग द्वापर कि, उठ रित पुराई। कान खोल सुनले भाया, कलजुग री चतुराई। के सारा एकन

क्यों बन रहा तू जिव भिखारीVerified Lyrics 

क्यों बन रहा तू जिव भिखारी, तू शुद्ध चेतन ब्रह्मा अपार। मल माया और कर्म अज्ञाना, ग्रंथि चार माहि जिव बंधाना। खुले तो पावे पद निर्वाणा, हो ब्रह्मरूप ततसार। सतगुरु मिले उपकारी, क्यों बन रहा तू जिव भिखारी॥ जिव ब्रह्मा में अंतर ऐसा, घटाकाश महाकाश जैसा। घट फूटे वैसा का वैसा, श्रुति संत कियो निर्धर।

थारी माता केवे गोपी चन्दा

॥ दोहा ॥ पाव पलक रो नहीं पतों, तू करे काल की बात। कुण जाणे क्या होवसि, उगतड़े प्रभात॥ थारी माता केवे गोपी चंदा, तू छोड़ माया रा फंदा। थारी माता केवे गोपी चंदा, तू तज माया रा फंदा॥ तेरा पिता बंगाल रा राजा, जारे बाजता छत्तीसों बाजा, राजा वे नर गया रे विलाई, जारी

बालपन हँसखेल गवाँ दियाVerified Lyrics 

बालपन हँसखेल गवाँ दिया, मेरी बहना तरुणाई भई है, वे काम, उमर सारी ढर गई। झूट कपट में ऐसी फँस गई, मेरी बहना लिया न मैंने हरिनाम, उमर सारी ढर गई। मानव तन पायौ बड़े भाग्य से, मेरी बहना भक्ति करूँगी निष्काम, उमर सारी ढर गई। दौलत यहीं पर रह जायगी, मेरी बहना साथ न