तू क्यूं घबरावे है, खाटू में सेठ लुटावे है

Tu Kyo Ghabrav Hai Khatu Me Seth Bulav Hai

तर्ज :- झुमका गिरा रे बरेली के बाजार…

|| टेर || तू क्यूं घबरावे है, खाटू में सेठ लुटावे है
मोटा-मोटा सेठ जगत का, श्याम क दरपे जावे,
खाली झोली लेकर आवे, भर क सब ले जावे,
ऐसो है दातार दयालु, बाबो खाटूवालो,
बन्द पडया तकदीर का ताला, सबका खोलण वालो,
भई सबका खोलण वालो, तू क्यूं घबरावे…….|1|

दो आंसू दरपे चढ़ जावे, सगला काम बणावे,
बाँझण की गोदी में देखो, बाबो लाल खिलावे,
रोतो रोतो आवे हर कोई, हंसतो हंसतो जावे,
काल कपाल भी सांवरिये के भगतां स घबरावे,
भई भगतां स घबरावे, तू क्यूं घबरावे है……|2|

मन म तू विश्वास जगाले, श्याम की किरपा पा सी
लीले घोड़े वालो तेरी, बिगड़ी बात बणासी
हार गयो गर तू दुनियां स, बाबो जीत करावे
मोनू के सिरपे यो देखो, मोरछड़ी लहरावे
भई मोरछड़ी लहरावे, तू क्यूं घबरावे है……|3|
भजन रचना :- मोनू पारीक, जयपुर

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