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श्री भागवत भगवान की है आरतीVerified 

श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती।। ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम वेद निराला, नव ज्योति जगाने वाला, हरि नाम यही हरि धाम यही, जग में मंगल की आरती, पापियों को पाप से है तारती।। ये शान्तिगीत पावन पुनीत, पापों को मिटानेवाला, हरि दर्श कराने वाला, जे

बाबा श्याम आरतीVerified 

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे। ॐ जय श्री श्याम हरे.. रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे। तन केसरिया बागो, कुंडल श्रवण पड़े। ॐ जय श्री श्याम हरे.. गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे। खेवत धूप अग्नि पर दीपक ज्योति जले। ॐ

Shri Parshuram Aarti – श्री परशुराम आरती

ॐ जय परशुधारी,स्वामी जय परशुधारी। सुर नर मुनिजन सेवत,श्रीपति अवतारी॥ ॐ जय परशुधारी…॥ जमदग्नी सुत नर-सिंह,मां रेणुका जाया। मार्तण्ड भृगु वंशज,त्रिभुवन यश छाया॥ ॐ जय परशुधारी…॥ कांधे सूत्र जनेऊ,गल रुद्राक्ष माला। चरण खड़ाऊँ शोभे,तिलक त्रिपुण्ड भाला॥ ॐ जय परशुधारी…॥ ताम्र श्याम घन केशा,शीश जटा बांधी। सुजन हेतु ऋतु मधुमय,दुष्ट दलन आंधी॥ ॐ जय परशुधारी…॥ मुख

Shri Kuber Aarti – श्री कुबेर आरती

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे। शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे। योगिनी मंगल

शिवजी की आरती | Shivji ki Aarti

ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ एकानन चतुराननपञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी। त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥ श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे। सनकादिक

Shanidev Aarti – शनिदेव आरती

जय जय श्री शनिदेवभक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टिचतुर्भुजा धारी। निलाम्बर धार नाथगज की असवारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ क्रीट मुकुट शीश सहजदिपत है लिलारी। मुक्तन की माल गलेशोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ मोदक और मिष्ठान चढ़े,चढ़ती पान सुपारी। लोहा,

Shri Bhairava Aarti – श्री भैरव आरती

सुनो जी भैरव लाड़िले, कर जोड़ कर विनती करूँ। कृपा तुम्हारी चाहिए, मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ। मैं चरण छुता आपके, अर्जी मेरी सुन लीजिये॥ सुनो जी भैरव लाड़िले॥ मैं हूँ मति का मन्द, मेरी कुछ मदद तो कीजिये। महिमा तुम्हारी बहुत, कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ॥ सुनो जी भैरव लाड़िले॥ करते सवारी स्वान

Shri Narsingh Aarti – श्री नरसिंह आरती

ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे। स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, जन का ताप हरे॥ ॐ जय नरसिंह हरे॥ तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी। अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥ ॐ जय नरसिंह हरे॥ सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी, प्रभु दुस्यु जियो

Shri Ambe Maa Aarti – श्री अम्बा माँ आरती

जय अम्बे गौरी,मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत,हरि ब्रह्मा शिवरी॥ जय अम्बे गौरी… माँग सिन्दूर विराजत,टीको मृगमद को। उज्जवल से दो‌उ नैना,चन्द्रवदन नीको॥ जय अम्बे गौरी… कनक समान कलेवर,रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला,कण्ठन पर साजै॥ जय अम्बे गौरी… केहरि वाहन राजत,खड्ग खप्परधारी। सुर-नर-मुनि-जन सेवत,तिनके दुखहारी॥ जय अम्बे गौरी… कानन कुण्डल शोभित,नासाग्रे मोती। कोटिक चन्द्र

Shri Ramdev Aarti – श्री रामदेव आरती

ॐ जय श्री रामादे, स्वामी जय श्री रामादे। पिता तुम्हारे अजमलमैया मेनादे॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥ रूप मनोहर जिसका घोड़े असवारी। कर में सोहे भालामुक्तामणि धारी॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री रामादे॥ विष्णु रूप तुम स्वामी कलियुग अवतारी। सुरनर मुनिजन ध्यावेजावे बलिहारी॥ ॐ जय श्री रामादे स्वामी जय श्री