Tag: Jagjit Singh

भज हूँ रे मन श्री नंद नंदनVerified Lyrics 

भज हूँ रे मन श्री नंद नंदन, अभय चरण अरविंद रे। दुर्लभ मानव जनम सतसंगे, तर आये भव सिंध रे। शीत आ तप मात बरीशन, एह दिन यामनी जाग रे। विफले से बिनु कृपण दुर्जन, चपल सुख नव लाग रे। श्रवण कीर्तन स्मरण वंदन, बाद से मन दास रे। पूजन सकी जन आत्म निवेदन, गोविन्द

जय राम, जन्म सफल होगा बन्देVerified Lyrics 

बोलो राम जय जय राम, जन्म सफल होगा बन्दे, मन में राम बसा ले, हे राम नाम के मोती को, सांसो की माला बना ले, राम पतित पवन करुनाकर, और सदा सुख दाता, सरस सुहावन अति मनभावन, राम से प्रीत लगा ले, मन में राम बसा ले, मोह माया है झूटा बन्धन, त्याग उसे तू

अम्बे, चरण कमल हैं तेरेVerified Lyrics 

अम्बे, चरण कमल हैं तेरे, अम्बे, चरण कमल हैं तेरे, हम भौंरे हैं जनम जनम के, निस दिन दे दे पेरे, अम्बे, चरण कमल हैं तेरे, अम्बे, चरण कमल हैं तेरे, तु धरती जग पालन करती, अम्बर का आधार है तू, सब सुख झूठे, सब दुख झूठे, इस जीवन कर सार है तू, तु सत्यम्

कृष्ण जिनका नाम है, गोकुल जिनका धामVerified Lyrics 

कृष्ण जिनका नाम है, गोकुल जिनका धाम है, ऎसे श्री भगवान को, बारंबार प्रणाम है-२ कृष्ण जिनका नाम है, गोकुल जिनका धाम है, ऎसे श्री भगवान को-२ बारंबार प्रणाम है-२ यशोदा जिनकी मैया है, नंद जी बापैया है, ऎसे श्री गोपाल को-२ बारंबार प्रणाम है। लूट-लूट दधि माखन खायो, ग्वाल-बाल संग धेनु चरायो, ऎसे लीला-धाम

बीत गये दिन भजन बिना रेVerified Lyrics 

बीत गये दिन भजन बिना रे। भजन बिना रे, भजन बिना रे॥ बाल अवस्था खेल गवांयो। जब यौवन तब मान घना रे॥ बीत गये दिन भजन बिना रे। भजन बिना रे, भजन बिना रे॥ लाहे कारण मूल गवाँयो। अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे॥ बीत गये दिन भजन बिना रे। भजन बिना रे, भजन

अखियाँ हरी दर्शन की प्यासीVerified Lyrics 

हरी दर्शन की प्यासी, अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी, देखयो चाहत कमाल नयन को, निसदीन रहेत उदासी, अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी। केसर तिलक मोतिन की माला, वृंदावन के वासी, नेह लगाए त्याग गये त्रिन्सम, डाल गये गल फाँसी, अखियाँ हरी दर्शन की प्यासी। काहु के मन की को जानत, लोगन के मन हासी, सूरदास

बांके बिहारी कृष्ण मुरारीVerified Lyrics 

बांके बिहारी कृष्ण मुरारी मेरे बारी कहाँ छुपे, दर्शन दीजो शरण में लीजो, हम बलहारी कहाँ छुपे। बांके बिहारी कृष्ण मुरारी… आँख मचोली हमें ना भये, जग माया के जाल बिछाये, रास रचा कर बंसी बजा कर, धेनु चारा कर प्रीत जगा कर, नटवर नागर निष्ठुर छलिया, लीला न्यारी कहाँ छुपे। बांके बिहारी कृष्ण मुरारी…

वन्दे गणपति विघ्नविनाशन

वन्दे गणपति विघ्नविनाशन…4 हे लम्बोदर गजानना रिद्धि सीधी के दाता तुम हो…4 वन्दे गणपति विघ्नविनाशन…2 हे लम्बोदर गजानना हे लम्बोदर गजानना जो ध्यावे वंचित फल पावे..4 आगरा देव तुम्हे वन्दना..2 वन्दे गणपति विघ्नविनाशन…2 हे लम्बोदर गजानना रिद्धि सीधी के दाता तुम हो हे शशि शेखर नंदना वन्दे गणपति विघ्नविनाशन…2 हे लम्बोदर गजानना काम क्रोध मध्

जय हो गणपति पूजे तुम्हे देवता सभी

जय हो गणपति जय हो गणपति पूजे तुम्हे देवता सभी जय हो गणपति जय हो गणपति शिव के दुलारे जग से न्यारे पारवती माँ की अँखियो के तारे हम तेरी उतारे आरती जय हो जय हो गणपति गणपति गजमुख धरी मूषक की सवारी सिद्धि बुद्धि खडी सेवा में तुम्हारी तेरा अंश है शुभ लाभ भी

जय जय गणपति भक्तन हितकारी

ॐ गान गणपतये नमः…4 ॐ गान गणपतये नमः…4 जय जय गणपति भक्तन हितकारी……4 जय जय गणपति भक्तन हितकारी भवानी नंदन सब दुःख भझन पुराण करता कारज सारे ……2 जय जय गणपति भक्तन हितकारी…2 ॐ गान गणपतये नमः…4 विघ्नविनाशक सुबह फल दायक ……4 मंगल मूरति अश्था विनायक ……2 जय जय गणपति भक्तन हितकारी…2 भवानी नंदन सब