Category: Khatu Shyam Bhajan

प्यारा दरबार है, सुंदर श्रृंगार है।

तर्ज़- मेरी जो लाज है वो तेरे हाथ है। प्यारा दरबार है, सुंदर श्रृंगार है। कीर्तन में आओ बाबा, तेरा इंतजार है। हम तेरी राह निहारे, तू लीले चढ़ कर आजा ले मोरछड़ी हाथों में, भक्तो के कष्ट मिटा जा तेरी दरकार है, तेरा आधार है। कीर्तन में आओ बाबा, तेरा इंतजार है। तू बैठ

अगर श्याम तुमको, कभी भूल जाऊं,

तर्ज़-तुम्ही मेरे मंदिर, तुम्ही मेरी पूजा अगर श्याम तुमको, कभी भूल जाऊं, ये दुनिया उसी पल, मैं छोड़ जाऊं, तन में बसे हो, मन में बसे हो, तुम तो मेरे कण-कण में बसे हो, मैं मुझमे कहीं जो, तुमको ना पाऊं, ये दुनिया उसी पल, मैं छोड़ जाऊं। गुनाह हो ना जाए, कोई श्याम हम

बाबा मत मेरो विश्वास तोड़ियो

तर्ज़- अच्छा सिला दिया तूने बाबा मत मेरो विश्वास तोड़ियो थाने है कसम नहीं साथ छोड़ियो कैया बतलाऊं थाने, बोल के जुबानी रुक ही ना पावै माहरी, आंख्या से यो पानी मन से ही मन का थे, तार जोड़ियों थाने है कसम नहीं, साथ छोड़ियो…. दुनिया बिसारी माहने, थे ना बिसरायो हारयोडा हां बाबा माहने,

कोई दे या ना दे साथ चाहे मेरा,

तर्ज़-तू माने या ना माने दिलदारा कोई दे या ना दे साथ चाहे मेरा, सहारा मुझे श्याम देगा मुझे आसरा है बस एक तेरा, सहारा मुझे श्याम देगा जग छोड़े तो, तुझको बुलाऊँ, तू छोड़े तो, किस दर जाऊं तेरे चरणों मे सांसो का बसेरा, सहारा मुझे श्याम देगा उम्र ना इतनी, जितना देखा, क्या

तेरे होते मेरे सांवरे, मेरी नईया क्यूं मंझधार है,

तर्ज:- ये तो सच है के भगवान है…. तेरे होते मेरे सांवरे, मेरी नईया क्यूं मंझधार है, लीले चढ़के तू आजा प्रभु, मुझको अब तेरी दरकार है, तेरे होतें प्रभु, नाव अटके मेरी, आके तू ही बता, क्या खता है मेरी, मेरे अंधियारे दिल में जरा देखले, बांकी चितवन सी वो, बस छवि है तेरी

तूने सबको तारा है, जीवन भी संवारा है,

तर्जः- एक आस तुम्हारी है, विश्वास….. तूने सबको तारा है, जीवन भी संवारा है, मेरी डूबती नईया का, एक तू ही किनारा है, क्या मुझमें कमी पाई, निकला तू हरजाई, मेरे बाबा, दिवाना बनाके क्यूँ बिसरा दिया है, दीवाने ने तेरा ही नाम लिया है, चले आओ लीले की करके सवारी, झूंठी है दुनियां ये

कार्तिक की ग्यारस आई, बरसे अमरित की धार,

तर्ज:- मैने रंगा बसन्ती चोला कार्तिक की ग्यारस आई, बरसे अमरित की धार, मां अहलवती के आंगणिये में श्याम लियो अवतार, बड़भागी है पांडवकुल, जो मंगल बेला आई, ये दादा भीमबली भी, बांटे है आज बधाई, कोयलिया झूम के गाए, नाचे सारा संसार, मां अहलवती के आंगणिये में श्याम लियो अवतार।। सूरज सा तेज है

सजादो श्याम को इतना, जो देखे दंग रह जाये,

तर्ज़:- बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है सजादो श्याम को इतना, जो देखे दंग रह जाये, सँवरिया यूँ निखर जाये…. साँवरिया की, सुरतिया पे, निगाहें यूँ ठहर जाये सारी दुनिया, ही सुध भूले, भगत बस देखते जाये सँवर उट्ठे, प्रभु इतना, दिवाने लोग हों जाये, साँवरिया मन समा जाये……. साँवरिया की, निगाहों से, झलकता

सारे संकट जो पल में हरे, रखता सबका सदा मान है।

तर्ज़:- ये तो सच है कि भगवान हैं सारे संकट जो पल में हरे, रखता सबका सदा मान है। हारे का जो सहारा बना, खाटू वाला मेरा श्याम है।। लीले पर बैठकर, लगता प्यारा बड़ा, जब मुसीबत पड़े, सबसे पहले खड़ा, तीन बाणों को ले, वो तो रण में चला, साथ हारे का देने, का

तू क्यूं घबरावे है, खाटू में सेठ लुटावे है

तर्ज :- झुमका गिरा रे बरेली के बाजार… || टेर || तू क्यूं घबरावे है, खाटू में सेठ लुटावे है मोटा-मोटा सेठ जगत का, श्याम क दरपे जावे, खाली झोली लेकर आवे, भर क सब ले जावे, ऐसो है दातार दयालु, बाबो खाटूवालो, बन्द पडया तकदीर का ताला, सबका खोलण वालो, भई सबका खोलण वालो,