तेरे होते मेरे सांवरे, मेरी नईया क्यूं मंझधार है,

Tere Hote Huye Sanware Meri Naiya Kyo Majhdhar Hai

तर्ज:- ये तो सच है के भगवान है….

तेरे होते मेरे सांवरे, मेरी नईया क्यूं मंझधार है,
लीले चढ़के तू आजा प्रभु, मुझको अब तेरी दरकार है,
तेरे होतें प्रभु, नाव अटके मेरी,
आके तू ही बता, क्या खता है मेरी,
मेरे अंधियारे दिल में जरा देखले,
बांकी चितवन सी वो, बस छवि है तेरी
मुझको बस तेरी ही आस है,
और तेरा मुझको विश्वास है, लीले चढ़के…..

दुनियां वाले प्रभु नईया को देखकर,
ताने देतें सभी, मुझसे मुँह फेरकर
मेरे इस हाल को, कोई समझे नहीं,
बातें करतें सभी, यूं मुझे देखकर,
तू ही दिन तू ही अब रात है,
तेरे भगतों का जज्बात है, लीले चढ़के…

मुझसे चलती नहीं, ये मेरी नावरे,
आके तू पार कर, ओ मेरे सांवरे,
तू ही मांझी मेरा तू ही साथी मेरा,
हम गरीबों को तो, बस सहारा तेरा
तू ही नईया की पतवार है,
“मोनू” को तुझसे ही प्यार है, लीले चढ़के..

भजन रचना :- मोनू पारीक, जयपुर

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