अगर श्याम तुमको, कभी भूल जाऊं,

Agar Shayam Tujhko Kabhi Bhul Jau

तर्ज़-तुम्ही मेरे मंदिर, तुम्ही मेरी पूजा

अगर श्याम तुमको, कभी भूल जाऊं,
ये दुनिया उसी पल, मैं छोड़ जाऊं,

तन में बसे हो, मन में बसे हो,
तुम तो मेरे कण-कण में बसे हो,
मैं मुझमे कहीं जो, तुमको ना पाऊं,
ये दुनिया उसी पल, मैं छोड़ जाऊं।

गुनाह हो ना जाए, कोई श्याम हम से,
करम ना हो ऐसे, झुके सिर शर्म से,
जो दर तेरे आके, नजरे चुराऊं,
ये दुनिया उसी पल, मैं छोड़ जाऊं।

सचिन को यकीं है, दया वो करेगा,
मेरे हर झखम की, दवा वो करेगा,
कहीं और अपना, दिल जो लगाऊं,
ये दुनिया उसी पल, मैं छोड़ जाऊं।

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