हो संवर संवर संवर गयी मैं साँवरिया, कब से खड़ी मैं तोरी अटरिया-२ बीत न जाये ओ रामा सारी उमरिया, हो सँवर सँवर गयी मैं। सँवर गए चाँद सितारे देखो, सँवर गए सारे नज़ारे देखो, देखो गगन पे बन के बदरिया, चमकी तेरी यादों की बिजुरिया। तन को जलाये ठण्डी बयरिया-२ बीत न जाये ओ
॥दोहा॥ गाँव रूनीचे बिराजीया, बाबो दर्शन दीना आय, भादरवा री बीज ऊजाली, प्रगट्या आंगनीया रे माय, ओ रामाधणी आया, अजमल आंगनीया रे माय॥ बाबा गाँव रूनीचे, भला बिराज्या आप, धणी जुगडा रे माय, ओ म्हाने दर्शन देवो, टाबर आयो आज धाम, चरना रे माय ए हा॥ ओ बाबा बीज ऊजाली, आप पधारीया, इन धोरां धरती
तेरे बिन झूठा है ए संसार माता झूठे रिश्ते सारे झूठा परिवार माता सब मतलब दे साथी इथे कोई ना मेरा है जो साथ निभावे गा तेरे बिन केह्दा है घरजा दे नाल करदे लोकी प्यार माता तेरे बिन झूठा है ए संसार माता……. इथे विषय विकारा दे बड़े चमेले ने सब मोह माया दे
पाप की नगरिया में, पुण्य कब कमाओगे। अरे खाली हाथ आये हो, खाली हाथ जाओगे।। पाप की नगरिया में, पुण्य कब कमाओगे। तेल भी हुआ मंहगा, लकडिया नही मिलती। अबकी बार होली में, किसका घर जलाओगे।। पाप की नगरिया में पुण्य कब कमाओगे। संभलके तुम चलना, हर कदम पे है धोखा। अरे रेत की जमीन
जीवन कर दियां है साई तेरे हवाले दुखो का ये अँधेरा यादे सुखो के उजाले जीवन कर दियां है साई……. हाथो में तेरे मेरी पतवार जिंदगी की चिंता फ़िक्र ये मेरी अब से नहीं है मेरी चाहे डुबो दे कश्ती चाहे भवर से बचा ले जीवन कर दियां है साई……. हम से ज्यादा तुझको चिंता
दीप धूप पूजन चली शिव भोला भंडारी जाग जाग केलाश के वासी शिव भोला भंडारी… भूखे को अन प्यासे को पानी देताये भोला भर्फानी जिस ने भी वर माँगा ये वर देता बाबा ओ वरदानी आग से खेले खेल निराले ये बाबा विष धारी शिव भोला भंडारी…. शिव की जटा से बेहती है गंगा आँखों
तूने काम बना दिए सारे, खुश के दिए उजियारे.. हम लख लख तेरा शुकराना करदे…. नाम तेरे ने मेरी लाज रख ली, कृपा की मिठास फिर आज चख ली, तेरे गूंज रहे जयकारे, हम लख लख तेरा… तूने काम बना दिए सारे, हम लख लख तेरा…. खुश के दिए उजियारे, हम लख लख तेरा… जय
ये सारे खेल तुम्हारे है, जग कहता खेल नसीबों का। मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू, मैंने सुना तु यार गरीबों का॥ तेरी दीन सुदामा से यारी, हमको ये सबक सिखाती है, धनवानों की ये दुनियां है, पर तु निर्धन का साथी है। दौलत के दीवाने क्या जाने, तु आशिक़ सदा गरीबों का, मैं तुझसे दौलत