मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू, मैंने सुना तु यार गरीबों काVerified Lyrics 

Main Tujhse Daulat Kyu Mangu Maine Suna Tu Yaar Gareebo Ka

ये सारे खेल तुम्हारे है, जग कहता खेल नसीबों का।
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू, मैंने सुना तु यार गरीबों का॥

तेरी दीन सुदामा से यारी, हमको ये सबक सिखाती है,
धनवानों की ये दुनियां है, पर तु निर्धन का साथी है।
दौलत के दीवाने क्या जाने, तु आशिक़ सदा गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू, मैंने सुना तु यार गरीबों का॥

तुने पत्थर से बहार आकर, धन्ना का रोट भी खाया था,
तुने हाली बन धन्ना के, खेतों में हल भी चलाया था।
तेरी इसी अदा से जान गया, तु पालनहार गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू, मैंने सुना तु यार गरीबों का॥

नरसी ने दौलत ठुकराकर, तेरे सा बेटा पाया था।
तुने कदम कदम पर कान्हा, बेटे का धर्म निभाया था।
कोई माने या प्रभु ना माने, तु पालन हार गरीबो का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू, मैंने सुना तु यार गरीबों का॥

प्रभु छमा करो “रोमि” सबको, तेरी राज की बात बताता है,
तु सिक्के चांदी के देकर, हमे खुद से दूर भगाता है।
तेरी इसी अदा से जान गया, तुझको विश्वास गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू, मैंने सुना तु यार गरीबों का॥

हम तुमको तुम से मांग के ही, तेरी ये बाज़ी जीतेंगे,
तेरे चरणों में “रोमि” के, अब दिन सावरिया बीतेंगे।
हम दीन हीन दुखियारे है, तु दातार है गरीबों का,
मैं तुझसे दौलत क्यूँ मांगू, मैंने सुना तु यार गरीबों का॥

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