स्वागतम् कृष्णा शरणागतम् कृष्णा, स्वागतम् सुस्वागतम् शरणागतम् कृष्णा, स्वागतम् सुस्वागतम् शरणागतम् कृष्णा, स्वागतम् कृष्णा शरणागतम् कृष्णा।। अभी आता ही होगा सलोना मेरा, हम राह उसी की तका करते हैं, कविता-सविता नहीं जानते हैं, मन में जो आया सो बका करते हैं।। पड़ते उनके पद पंकज में, चलते-चलते जो थका करते हैं, उनका रस रूप पिया
धुन : Nakhralo Shyam Dhani Bhagtan Par jaadu kar gyo जादू कर गयो, भगता पे, जादू कर गयो खाटू वालो श्याम धनि, भगता पे जादू कर गयो। रंगरंगीलो छेल-छबिलो श्याम धनि है म्हारो, तीन बाण काँधे पे सोहे, हारे को है सहारो। नीले वालो श्याम-धनि, भगता पे जादू कर गयो खाटू वालो श्याम धनि, भगता
राधे तू बड़ भागिनी, कोन तपसिया किन। तीन लोग तारन तरन, सो तेरे हाथ हीन॥ एक ना त्यागे दुनियादारी वो मीरा कहलाई। दूजी राधा रानी बनके, श्याम सलोना पाई॥ मुझको भी तू अपनाले, मन वृंदावन बन जाए। मुझमे तू ही बस जाए, और मन तुझमे रम जाए॥ (ओ मेरे कान्हा) (जय जय राधा रमन हरी
एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है, अब तेरे सिवा बाबा, कहो कौन हमारा है। एक आस तुम्हारी है, विश्वास तुम्हारा है… फूलों में महक तुमसे, तारों में चमक तुमसे, मेरे बाबा… इतना बता दो कहा तुम नहीं हो, ये सब को पता है की तुम हर कहीं हो, अगर तुम ना होते तो दुनिया
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे, गुरुदेव सांवरिया मेरे, मेरा कोई न सहारा बिन तेरे, गुरुदेव सांवरिया मेरे… तेरे बिना मेरा है कौन यहाँ, प्रभु तुम्हे छोड़ मैं जाऊँ कहां, मैं तो आन पड़ा हूँ दर तेरे, गुरुदेव सांवरिया मेरे… मैंने जनम लिया जग में आया, तेरी कृपा से ये नर तन पाया, तूने किये
श्री महावीर् अमर संकीर्तन मंडल शहर के प्राचीनतम भजन मंडलों में से एक है जिसकी प्रथम कार्यकारिणी का गठन वर्ष 1952 में किया गया था। तब से यह मंडल श्री राम नाम के जाप, बालाजी महाराज के प्रचार में लगा हुआ है इसके साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों और सामाजिक कार्यों में इसका सराहनीय योगदान रहा है।
मुकुट सिर मोर का, मेरे चित चोर का, दो नैना नैना नैना, दो नैना नैना नैना। दो नैना सरकार के, कटीले हैं कटार से, कमल लजाएं तेरी, अँखियों को देख के। भूली घटाएं तेरी, कजरे की रेख पे, मुखड़ा निहार के, सो चाँद गये हार के, दो नैना नैना नैना, दो नैना नैना नैना। दो
तुम्ही श्याम अपने, सगरे पराए, काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए। कहते थे खुद को, जीवन के संगी, बदले जमाना, बदलेंगे ना कभी, भागे जो रैन भागे, सूरज उगाए। काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए, तुम्ही श्याम अपने, सगरे पराए, काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए। दुनिया के मेले में, तुमको भूलाया, कभी नाम तेरा,