गोविन्द बोलो हरीVerified Lyrics 

Govind Bolo

बोल बोल के थक गये तुम,
दुनिया के सारे बोल।
बोल बोल के थक गये तुम-२
दुनिया के सारे बोल।
साँसों में जपले कान्हा,
धडकन में राधे बोल।

गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो-२
राधा रमण हरी गोविन्द बोलो।

बोल, बोल, बोल गोविंदा
बोल, बोल, बोल गोपाला-२

हाँ.. हम्म..

बनवासी तन में मीरा,
ढूँढे वृन्दावन का अँगना,
राधा की प्यासी आँखों से,
छलके श्याम नाम की यमुना।

बनता है क्यूँ तू पगले,
खुद ही खुद की बाधा,
तू भी ढून्ढ ले खुद में,
जा के कोई मीरा कोई राधा।

यार बना ले उस रब को,
जो पार लगता है सबको,
वो चाहे तो मिल जाए,
जग के सारे गोल।

बोल, बोल, बोल, बोल, बोल बोल, बोल

गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो,
राधा रमण हरी गोविन्द बोलो,
गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो,
राधा रमण हरी गोविन्द बोलो।

बोल, बोल, बोल गोविंदा,
बोल, बोल, बोल गोपाला-२

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