ज़रा इतना बता दे कान्हा, तेरा रंग काला क्यों, तू काला होकर भी जग से निराला क्यों॥ मैंने काली रात को जन्म लिया, और काली गाय का दूध पीया, मेरी कमली भी काली है, इसलिए काला हूँ। ज़रा इतना बता दे… सखी रोज़ ही घर में बुलाती है, और माखन बहुत खिलाती है, सखिओं का
भगवान श्री कृष्ण की लीला के तो सभी दीवाने है भक्त मन को हरने वाले है श्री कृष्णा के मीठे मीठे भजन “मेरे श्याम का मुखड़ा, लगे चाँद का टुकड़ा!” सुप्रसिद्ध हिंदी गीत “ये रेशमी जुल्फ़े” की तर्ज पर ले प्रभु का नाम | रास रचइया, कृष्ण कन्हैया भजन माला फ़िल्मी भजन हिंदी लिरिक्स टॉप
श्री कृष्ण हिंदू धर्म के ईश्वर एवं भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकाधीश, कन्हैया आदि नामों से लोग इनको जानते हैं। इन्होंने द्वापर युग में श्री कृष्ण का अवतार लिया था। श्री कृष्ण का जन्म बहुत ही कठिन एवं भयानक परिस्थितियों में हुआ था। भजन : अधरों पे धर
भगवन श्री कृष्ण के बड़े घुंगराले बालों को गायिका, बादल के जैसा काले बता रही है। और कृष्ण के सूंदर मुख को देख कर कोई भी उनका दीवाना हो सकता है। कृष्ण में सर पर मोर मुकुट की शोभा देखते ही बनती है और जो मुकुट की लटकनिया है वो भक्तों के मन को हरने
मेरी क़िस्मत का सितारा, आपके हाथों में है। आपके हाथों में है आपके हाथों में है। मेरी क़िस्मत का सितारा… क्यूँ करूँ चिंता फ़िकर मैं, ज़िंदगी के खेल की। कौन जीता कौन हारा, आपके हाथों में है। मेरी क़िस्मत का सितारा… कर दिया तेरे हवाले, मैंने अपने आप को। ठुकरा दो या दो सहारा, आपके
हार की कोई चिंता नहीं, पग-पग होगी जीत, लगी रे मेरी सांवरिया से प्रीत। श्याम श्याम को नगमा गाये ये जीवन संगीत, लगी रे मेरी सांवरिया से प्रीत। मौज से होने लगा गुजारा, बाबा ने हर काम सवारा, सन मुख मिलता खड़ा संवारा, जब जब उसको मन से पुकारा, देता नहीं विश्वास टूटने, खाटू नरेश
करुणामयी सरकार ने, जीना सिखा दिया, दुनिया की ठोकरों ने तेरे, दर पे ला दिया। करुणामयी सरकार ने, जीना सिखा दिया, दुनिया की ठोकरों ने तेरे, दर पे ला दिया। करुणामई सरकार ने, जीना सिखा दिया। जिसने कभी भी आज तक, सजदा नहीं किया, उसको कृपा ने आपकी, झुकना सिखा दिया, करुणामई सरकार ने, जीना
तेरी कट जाये बाधा जीवन की, तू कर परिक्रमा गोवर्धन की, श्री गोवर्धन महाराज, नाथ तुम संतनहितकारी। संतन हितकारी नाथ तुम, भक्तन हितकारी, श्री गोवर्धन महाराज, नाथ तुम संतनहित कारी। श्री गिरिराज की शरण जो आवे, शरण जो आवै, चौरासी के फंद छुडावै, फंद छुडावै, मिट जावे दी तृष्णा भटकन की-२ कर परिकर्मा गोवर्धन की,
बाबा मेरा काम करोगे, बोलो क्या लोगे, सिर पर हाथ धरोगे, बोलो क्या लोगे, छोटी सी है नाव मेरी ओ बाबा जी, इसको पार करोगे, बोलो क्या लोगे, बाबा मेरा काम करोगें, बोलो क्या लोगे।। ये जीवन चार दिन का है, तुम्हारा साथ क्या मांगे, बड़ी छोटी सी जिंदगानी, तुम्हारा हाथ क्या मांगे, लम्बी उम्र
जिसके हृदय में हरि सुमिरण होगा, उसका सफल क्यों ना जीवन होगा, भक्त को भगवान का चिंतन होगा, उसका सफल क्यों ना जीवन होगा॥ सच्ची धारणा से प्रह्लाद ने जो ध्याया था, खम्बे से हरि जी का दर्शन पाया था, कहते है जिसको दर्शन होगा, (कहते है जिसको दर्शन होगा) उसका सफल क्यों ना जीवन