सूना-सूना लागे, बृज का धाम। गोकुल को छोड़, चले रे घनश्याम। यमुना रोए, मधुबन रोए, यमुना रोए, रोए कदम की शय्या, भर भर नैना रोए रे गवाले, रोये बृज की गईआं। राह रोक कर, रोए मनसुखा, बिछड़ रहे मोरे श्याम रे। सूना-सूना लागे, बृज का धाम। गोकुल को छोड़, चले रे घनश्याम। बोल सके ना,
श्याम से लौ लगाकर देख, ये तेरे साथ चल देगा। तेरी आँखों का हर आंसू, सांवरा मोती कर देगा।। जिसे ठुकराए जग वाले, उसे मेरा श्याम अपनाता। बना मायत इसे अपना, तुझे बाहों में भर लेगा।। श्याम से लौ लगाकर देख जो जाते खाटू उनसे पूछ, वो जाने महिमा बाबा की। फिरा कर मोरछड़ी पल
Haare Ka Sahara Mera Shyam Hamesa Meri Laaj Rakhata Hai हार के आया मैं जग सारा, तेरी चौखट पर। तुमसे ही है सारी उम्मीदें, तुम ही लोगे खबर। सब कहते है अपने भगत की, श्याम हमेशा पत रखता है। हारे का सहारा मेरा श्याम, हमेशा मेरी लाज रखता है।।। जग से रिश्ता तोड़ दिया है,
तेरह पेड़िया ऊपर म्हारे, श्याम को बंगलो।-2 सारे जग में राज करे है, म्हारो सेठ सावरों। सेठ सावरों जी, म्हारो सेठ सावरों || पहली पेड़ी पग धरताही, मिट जा सब संताप। दूजी तीजी पेड़ी करदे, मैल मना का साफ़। ओ चौथी पेड़ी चढ़ता भूल्या, दुनियादारी को रगड़ो। सारे जग में राज करे है, म्हारो सेठ
बिगड़ी सँवारी प्रभु” यह अभिषेक शर्मा जी द्वारा लिखित और रश्मि शर्मा जी द्वारा गाए गए भजन के अंतर्गत यह पंक्तियाँ हैं। यह भजन एक मनमोहक संगीत, भावपूर्ण गायन और मधुर आवाज के साथ हमारे दिल को छू जाएगा। इस भजन में खाटूश्याम जी की प्रेम भरी उपासना है, इसमें भगत भगवान से प्रार्थना करता
बात हमारी बड़े पते की, गौर होना चाहिए -2 आ गया फागुन मेला अब तो, शोर होना चाहिए बात हमारी बड़े पते की, गौर होना चाहिए रंग रंगीला खाटू मेला सारे खाटू धाम चलो। सारे खाटू धाम चलो-2 लेकर करके निशान हाथ में सारे बाबा की और बढ़ो तुम बाबा की और बढ़ो -2 इस
ओ श्याम, तेरे दर्शन को तरस रहे हैं हम, तू हमारी आंखों का तारा, हमारी जान। अधूरे हैं हम बिना तेरे, तेरे रंग में रंगे, तेरी आरती में हम धूप बनकर जले। मधुर स्वर में बजती है तेरी मुरली, हमारे दिल को छू जाती है तेरी रागिनी। तेरी चाहत में लीन है हमारी जिंदगी, तेरे
रथड़ो धीरे धीरे हाको, सांवरा वृन्दावन ले चाल। वृन्दावन ले चाल सांवरा, वृन्दावन ले चाल। रथड़ो धीरे धीरे हाको,सांवरा वृन्दावन ले चाल-2 रथडो म्हारो रंग रंगीलो, पहिया चकरी दार। बैठण आली राधिका जी, हांके नंद जी रो लाल। रथड़ो धीरे धीरे हाको, सांवरा वृन्दावन ले चाल। वृन्दावन ले चाल सांवरा, वृन्दावन ले चाल। रथड़ो धीरे
लगाया जयकारा ऐसा, सुनाई दे गया उसको। लगी है भीड़ भक्तों की, दिखाई दे गया उसको। हम बाराती बाबा, हम बाराती बाबा, दूल्हा बनने वाला है। पगड़ी बांध रहा है, नीले चढ़ने वाला है। सब झूमो नाचो वो आने वाला है, पगड़ी बांघ रहा है नीले चढ़ने वाला है। सब झूमो नाचो हमारी किस्मत तो