Guru Aloo Singh Ji Ki गुरु आलू सिंह जी की, म्हाने याद सतावै है, छोड़ गया भक्तां ने – गुरूजी छोड़ गया भक्तां ने, म्हारो हियो भर आवै है। गुरु आलु सिंह जी की, म्हाने याद सतावै है।। छोटी सी उमरियाँ में, बाबा श्याम का दीवाना बणयां, खाटू ने चमन करयो, जग सारो जान्यो। इब
मन को लुबहाये ये तो सबको ही भाए ये प्रेम बडाये सबसे, ये बाबा मोर छड़ी वाला, जो भी आये सबको निभाए। ये बाबा नीले घोड़े वाला ये बाबा मोर छड़ी वाला।। श्याम का रंग नीला पहने पीताम्बर पीला, इसका बागा सजीला इसका रूप है नशीला, जो भी देखे होश गवाए, ऐसा जादू इसने डाला,
सजने का हैं शौकीन,कोई कसर न रह जाये। ऐसा कर दो श्रृंगार,सब देखते रह जाये। सजने का है शौकीन … जब सांवरा सजता हैं, सारी दुनिया सजती हैं। बाबा पे इत्तर छिड़कते हैं,सारी दुनिया महकती हैं। बागों का हर एक फूल,गजरे में लग जाये। ऐसा कर दो श्रृंगार … जब कान्हा मुस्काये, शीशा भी चटक
इस दुनिया में जब-जब भी भगवान ने अवतार लिया है किसी ने किसी कृति बुराइयों को समाप्त करने के लिए निराकार से साकार रूप में अवतार लेकर इस धरती पर आए। रामदेव जी की उम्र 5 वर्ष की रही होगी और रामदेव जी ने पटोला क्यों की एक रुपाराम को दर्जी जिससे पूरा रामदेवरा परेशान
गुरुदेव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो। सेवा सत्संग सुमिरण से झोली मेरी भर दो। गुरुदेंव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो।। नफरत जो करे मुझसे मैं उनसे प्यार करूँ। कहते है बुरा मुझको उनका सत्कार करूँ। नफरत को मिटा कर मुझमे इक प्यार का रंग भर दो। गुरुदेंव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो।।
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना, मैं शरण पड़ा तेरी, चरणों में जगह देना। करुणामई नाम तेरा, करुणा दिखलाओं तुम, सोये हुए भागो को, मेरे बाबा जगाओं तुम, मेरी नाँव भँवर डोले, उसे पार लगा देना, गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना, मैं शरण पड़ा तेरी, चरणों में जगह देना। तुम सुख के सागर हो,
पाप की नगरिया में, पुण्य कब कमाओगे। अरे खाली हाथ आये हो, खाली हाथ जाओगे।। पाप की नगरिया में, पुण्य कब कमाओगे। तेल भी हुआ मंहगा, लकडिया नही मिलती। अबकी बार होली में, किसका घर जलाओगे।। पाप की नगरिया में पुण्य कब कमाओगे। संभलके तुम चलना, हर कदम पे है धोखा। अरे रेत की जमीन
ओ मनवा राम सुमेर ले रे, ओ जीवड़ा राम सुमेर ले रे आसी तेरे काम नाम कीरे, बालद(बोगी) भर ले। बालद भर ले रे मेरे मनवा, बालद भर ले रे, बालद भर ले रे ओ मनवा राम सुमेर ले रे , ओ जीवड़ा राम सुमेर ले रे आसी तेरे काम नाम की, बालद भर ले।
श्याम तेरा..आ, दर नहीं छूटे.., चाहे सारा..आ जग रूठे -3 प्रीत का धागा तुमसे बांधा, जन्म जन्म तक न टूटे श्याम तेरा..आ, दर नहीं छूटे.., चाहे सारा..आ जग रूठे रहमत बरसे, तेरी..इ श्याम, जब तक साँस है, लू तेरा नाम , लू तेरा नाम -2 छोड़ के आया सब की चौखट, अब है सहारा, खाटू