सजने का हैं शौकीन कोई कसर न रह जायेverified 

Sajne Ka Hai Shokeen Koi Kasar Na Rah Jaye

सजने का हैं शौकीन,कोई कसर न रह जाये।
ऐसा कर दो श्रृंगार,सब देखते रह जाये।
सजने का है शौकीन …

जब सांवरा सजता हैं, सारी दुनिया सजती हैं।
बाबा पे इत्तर छिड़कते हैं,सारी दुनिया महकती हैं।
बागों का हर एक फूल,गजरे में लग जाये।
ऐसा कर दो श्रृंगार …

जब कान्हा मुस्काये, शीशा भी चटक जाये।
चंदा भी दर्शन को, धरती पे उतर आये।
सूरज की किरणों से, दरबार चमक जाये।
ऐसा कर दो श्रृंगार …

क्या उसको सजाओगे, जो सबको सजाता हैं।
क्या उसको खिलाओगे, जो सबको खिलाता हैं।
बस भाव के सागर में, मेरा श्याम समां जाये।
ऐसा कर दो श्रृंगार …

बस इतना ध्यान रखना,इतना ना सज जाये।
इस सारी सृस्टि की,उसे नजर ना लग जाये।
ये सुभम रूपम तेरे,भाव के भजन गाये।
ऐसा कर दो श्रृंगार …

सजने का हैं शौकीन,कोई कसर न रह जाये।
ऐसा कर दो श्रृंगार,सब देखते रह जाये।
सजने का है शौकीन …

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