गुरुदेव मेरे दाता मुझको ऐसा वर दो

Gurudev Mere Data Mujhko Esa Var Do

गुरुदेव मेरे दाता
मुझको ऐसा वर दो।
सेवा सत्संग सुमिरण से
झोली मेरी भर दो।
गुरुदेंव मेरे दाता
मुझको ऐसा वर दो।।

नफरत जो करे मुझसे
मैं उनसे प्यार करूँ।
कहते है बुरा मुझको
उनका सत्कार करूँ।
नफरत को मिटा कर मुझमे
इक प्यार का रंग भर दो।
गुरुदेंव मेरे दाता
मुझको ऐसा वर दो।।

मेरे मन मंदिर में गुरुवर
इक बार बस जाओ।
जिस ओर भी देखूं मैं
बस तुम ही नजर आओ।
दो दान प्रभु अमृत का
जीवन में रस भर दो।
गुरुदेंव मेरे दाता
मुझको ऐसा वर दो।।

शबरी की तरह सेवा
और ध्यान हो मीरा सा।
श्रद्धा हो तुलसी सी
और बोल कबीरा सा।
रहमते नजर से प्रभु जी
निहाल मुझे कर दो।
गुरुदेंव मेरे दाता
मुझको ऐसा वर दो।।

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