मैं राम भजु गुरु को ना बिसारुं, गुरु के संग हरी को ना निहारूं, मैं राम भजुँ गुरु को ना बिसारुं। हरी ने जनम दियो जग माहि, गुरु ने आवागमन छुड़ाई, मैं राम भजुँ गुरु को ना बिसारुं। हरी ने मोह जाल में घेरी, गुरु ने काटी ममता बेड़ि, मैं राम भजुँ गुरु को ना
जिन्दगी एक किराये का घर है, एक न एक दिन बदलना पड़ेगा। मौत जब तुझको आवाज देगी, घर से बाहर निकलना पड़ेगा। रूठ जायेंगी जब तुझसे खुशियाँ, गम के साँचे में ढलना पड़ेगा। वक्त ऐसा भी आयेगा नादान, तुझको काँटों पे चलना पड़ेगा। इतना मासूम हो जाएगा तू , इतना मजबूर हो जाएगा तू। ये
ये है शनि कथा मेरे भाई मेरे बन्धु हो सुनो राजा, करो शनि देव की घर में पूजा, जय जय शनि राज, बोलो जय जय शनि राज। तेज परतापी सूर्य पिता और सोमैया जैसी माता, छः बहनो का शनि लाडला, यम जैसा था भ्राता, ये है शनि कथा मेरे भाई… सूर्य तेज से शनि देव
आओ मेरी सखियो मुझे मेहँदी लगा दो, मेहँदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो , मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो। सतसंग मे मेरी बात चलायी, सतगुरु ने मेरी किन्ही सगाई, उनको बोला के हथलेवा तो करा दो, मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो। ऐसी ओडु चुनरी जो रंग नाही छूटे, ऐसा वरु
कलयुग में शनिदेव की, महिमा महान है, बदले समय की चाल जो-२ ऐसा तूफान है, कलियुग में शनिदेव की, महिमा महान है। दृष्टि दया की हो अगर, उसको बना दिया, दुनिया में उसके नाम का, सिक्का चला दिया, ये न्याय के है देवता, किरपा निधान है, कलियुग में शनिदेव की, महिमा महान है। घनघोर आँधियों
हाथ जोड़ के बोली गवरजा हाथ जोड़ के बोली गवरजा तीनो लोक बसाए बसती में तीनो लोक बसाए बसती में आप बसे वीराने में जी आप बसे वीराने में अजी राम भजो जी, राम भजो जी राम भजो जी, राम भजो जी शिव का वंदन किया करो अजी शिव का वंदन किया करो जी बगड़
श्याम मुझपे भी नज़रे करम कीजिये, मैं भी हारा जगत से रेहम कीजिये।। अपनों ने साथ छोड़ा न कोई मेरा, दर बदर खा के ठोकर मिला दर तेरा, श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दीजिये, मुझपे उपकार प्रभु इक कीजिये, श्याम मुझपे भी नज़रे कर्म कीजिये, मैं भी हारा जगत से रेहम कीजिये, मेरे जीवन के
दोहा – एक दिना मोहे मिल गयो, वह छैला नन्दकुमार, सखी लूट लियो ये दिल मेरो, अखियन में अखियाँ डार। जब से नैन लड़े गिरधर से, मेरी अकल गई बोराय, जाने कैसा जादू डाला, चारो ओर नज़र वो आए, जब से नैन लड़े गिरधर से। वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में, जबसे देखा नन्द का लाला,