जब से नैन लड़े गिरधर सेVerified Lyrics 

Jab Se Nain Lade Girdhar Se

दोहा – एक दिना मोहे मिल गयो, वह छैला नन्दकुमार,
सखी लूट लियो ये दिल मेरो, अखियन में अखियाँ डार।

जब से नैन लड़े गिरधर से,
मेरी अकल गई बोराय,
जाने कैसा जादू डाला,
चारो ओर नज़र वो आए,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,
जबसे देखा नन्द का लाला,
मेरी अखियन आगे डोले,
उसका मुखड़ा भोला भाला,
उसके मतवारे नैनो ने,
मेरे दिल को लिया चुराय,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

उसकी देख के सूरत प्यारी,
मेरी मति गई है मारी,
ऐसी मारी नयन कटारी,
दर दर डोलूँ मारी मारी,
ऐसा दर्द दिया है दिल को,
हरदम मुख से निकले हाय,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

मेरी सुधबुध सब बिसरा के,
मेरे दिल को रोग लगा के,
मोहे एक झलक दिखला के,
जाने कहाँ छिपा है जा के,
उसकी याद में मेरी अखियाँ,
हरपल आंसू रही बहाय,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

रो रो सारी रात बिताऊँ,
किसको मन की व्यथा सुनाऊँ,
कैसे धीरज धरु ‘रविंदर’,
कैसे इस दिल को समझाऊँ,
मैं तो हो गई रे बावरिया,
उसके बिना रहा नहीं जाए,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

जब से नैन लड़े गिरधर से,
मेरी अकल गई बोराय,
जाने कैसा जादू डाला,
चारो ओर नज़र वो आए,
जब से नैन लड़े गिरधर से।

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