श्याम मुझपे भी नज़रे करम कीजिये,Verified Lyrics 

Shyam Mujhpar Bhi Najre Karam Kijiye

श्याम मुझपे भी नज़रे करम कीजिये,
मैं भी हारा जगत से रेहम कीजिये।।

अपनों ने साथ छोड़ा न कोई मेरा,
दर बदर खा के ठोकर मिला दर तेरा,
श्याम मेरी भी बिगड़ी बना दीजिये,
मुझपे उपकार प्रभु इक कीजिये,
श्याम मुझपे भी नज़रे कर्म कीजिये,
मैं भी हारा जगत से रेहम कीजिये,

मेरे जीवन के पने खत्म हो चले,
इस छलिया जगत में हम गये छले,
श्याम मेरा मुकदर जगा दीजिये,
मेरी कश्ती किनारे लगा दीजिये,
श्याम मुझपे भी नज़रे कर्म कीजिये,
मैं भी हारा जगत से रेहम कीजिये।।

कर दो हम पे दया खाटू के सँवारे,
तेरे दीदार को नैना है वनवारे,
श्याम पागल को अपना बना लीजिये,
श्याम जख्मी दिलो में वसा दीजिये,
श्याम मुझपे भी नज़रे कर्म कीजिये,
मैं भी हारा जगत से रेहम कीजिये।।

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