नौ नौ रूप मैया के तो, बड़े प्यारे लागे-२ सबसे प्यारे माँ के, भवनो के नजारे लागे, सबसे प्यारे माँ के, भवनो के नजारे लागे॥ प्रथम पूज्य है शैलपुत्री, दूजी ब्रम्ह्चारणी, भक्त जनो को भव सागर से, पार उतारनी, तीनो लोको में मैया के-२ जय जयकारे लागे, सबसे प्यारे माँ के, भवनो के नजारे लागे॥
तर्ज:- अफसाना लिख रही हूँ। तेरी खाटू की नगरिया, मनै लागै प्यारी-प्यारी। प्रेम नज़र तेरी हो जाये तो खिल जाए फुलवारी ।। तेरे दर्शन पावण की बाबा, मेरै लगन लगी दिल म। बस तू ही तू दिखै सै, न्यू ज्योत जगी दिल म। तेरी सूरत बसगी दिल म, हे बाबा चमत्कारी।। प्रेम नज़र तेरी… |
प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालों, गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो-२ (प्रभु अपने दर से, अब तो ना टालो, गिरा जा रहा हूँ, उठा लो उठा लो) खाली ना जाता कोई दर से तुम्हारे, द्वारे खड़ा हूँ नन्ही बाहें पसारे, चरणों की सेवा में, लगा लो लगा लो, गिरा जा
सहारा मिलेगा सहारा मिलेगा, हरि नाम गा लो सहारा मिलेगा, भटकती है नैय्या किनारा मिलेगा, हरि नाम गा लो सहारा मिलेगा। चुभेंगे ना दुख दर्द त्रिशूल बनकर, महकने लगोगे एक फूल बनकर, जब उसकी कृपा का इशारा मिलेगा, राधा नाम गा लो सहारा मिलेगा। अगर तुम रहोगे हरि की नजर में, ना जीवन की नैय्या
कबीरा जब हम पैदा हुये, जग हँसे हम रोये, ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे जग रोये, चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी, चदरिया झीनी रै झीनी। अष्ट कमल का चरखा बनाया, पांच तत्व की पूनी, नौ दस मास बुनन को लागे, मूरख मैली किनी, चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी,
कीड़ी ने कण हाथी ने मण, सगलो हिसाब चुकावे है, खाटू माही बैठा संवारा सारा खेल रचावे है, जो जल में रवे जीव जंतु वो जल में सब पावे है, जो रवे है इधर धरती पर बई धरती सु पावे है, जारी जितनी चौकस हॉवे, बितनो ही चुगो चुगावें है, खाटू माही बैठा संवारा सारा
हे संकट मोचन करते है वंदन तुमरे बिना संकट कौन हरे, सालासर वाले तुम हो रखवाले, तुम्हरे बिना संकट कौन हरे, सिवा तेरे न दूजा हमारा, तू ही आ कर के देता सहारा, जो विपदा आये पल में मिट जाये, तुम्हरे बिना संकट कौन हरे, तूने रघुवर के दुखड़ो को टाला, हर मुसीबत से उनको
बैठ सामने तेरे बाबा, तुझको रोज़ मनाता हूँ। गोर करोगे कभी तो बाबा, सोच के अर्जी लगाता हूँ। बैठ सामने तेरे बाबा… माना चाहने वाले बहुत है, तभी तो तुम इतराते हो। मुझे भूल कर खुश जब हो तुम, क्यों सपनों में आते हो। मुझसा पागल नही मिलेगा, तुझको ये बतलाता हूँ। बैठ सामने तेरे
श्याम तेरे ही भरोसे मेरा परिवार है, तू ही मेरी नाव का माझी, तू ही पतवार है। श्याम तेरे ही भरोंसे मेरा परिवार है।। हो अगर अच्छा माझी, नाव फिर पार होती, किसी की बीच भवर में, फिर न दरकार होती। अब तो तेरे ही हवाले, मेरा घरबार है। श्याम तेरे ही भरोंसे मेरा परिवार