गेरी-गेरी बिरखा भाया, थे पाछा कैया जावोVerified Lyrics 

Geri Geri Birkha Bhaya The Pachha Kaiya Javo

गेरी-गेरी बिरखा भाया, थे पाछा कैया जावो,
म्हाने साँची-साँची, बात बतावो जियो।
खम्मा खम्मा खम्मा रे, कंवर अजमाल रा,
रुणिचे रा राजा, हेलो साम्भलो जियो।
खम्मा खम्मा खम्मा रे, कंवर अजमाल रा॥

थे तो अजमल जी बीरा, बांजिया कहिजो,
म्हारा सुगन ख़राब, घना होवे जियो।
खम्मा खम्मा खम्मा रे, कंवर अजमाल रा,
घणी घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा॥

पुजारी बता दे कठे, द्वारका रो नाथ में तो,
दर्शन करवा आयो जियो।
घणी-घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा, हेलो साम्भलो जियो।
वारी-वारी ओ रामापीर ने॥

द्वारका रा नाथ घणी,
अरज गुजारु थारे माथे ऊपर ,
पट्टी कैया बाँधी जियो।
घणी-घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा,
रुणिचे रा राजा, हेलो साम्भलो जियो।
घणी-घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा॥

थे तो म्हारा बापजी, उण मूरत रे मारी,
गलती म्हारी बगसावो जियो।
घणी-घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा, हेलो साम्भलो जियो।
घणी-घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा॥

बांझिया तो केवे, म्हारो मुख नहीं देखे ,
ऐडा काही पाप कमाया जियो।
घणी-घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा, हेलो साम्भलो जियो।
घणी-घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा॥

भादरवा री बीज रो, थारे आवुला में आंगणे,
आय पालणीये झुलु जियो।
घणी-घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा।
रुणिचे रा राजा, हेलो साम्भलो जियो।
घणी-घणी खम्मा रे, कंवर अजमाल रा॥

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