कीड़ी ने कण हाथी ने मण, सगलो हिसाब चुकावे है,Verified Lyrics 

Kidi Ne Kan Hathi Ne Man Saglo Hisab Chukav Hai.

कीड़ी ने कण हाथी ने मण, सगलो हिसाब चुकावे है,
खाटू माही बैठा संवारा सारा खेल रचावे है,

जो जल में रवे जीव जंतु वो जल में सब पावे है,
जो रवे है इधर धरती पर बई धरती सु पावे है,
जारी जितनी चौकस हॉवे, बितनो ही चुगो चुगावें है,
खाटू माही बैठा संवारा सारा खेल रचावे है,

सरकारा तो देखि धनी पर ये सरकार अनोखी है,
इसे नोट वोट न कुर्सी चाहे भावना चोखी है,
कट पुतला है इन हाथ तारी यही नाच नचावे है,
खाटू माही बैठा संवारा सारा खेल रचावे है,

बाबुड़ा का भोजन मसली मॉस और हंस तो मोती खावे है,
जैसा है सोबाग जिया का वैसी होली पावे है,
रंग इक है, काग कोयलिया वाणी भेद बतावे है,
खाटू माही बैठा संवारा सारा खेल रचावे है,

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