चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनीVerified Lyrics 

Chadariya Jhini Re Jhini Ram Naam Ras Bhini

कबीरा जब हम पैदा हुये, जग हँसे हम रोये,
ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे जग रोये,
चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रै झीनी।

अष्ट कमल का चरखा बनाया, पांच तत्व की पूनी,
नौ दस मास बुनन को लागे, मूरख मैली किनी,
चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रै झीनी।

जब मोरी चादर बन घर आई, रंगरेज़ को दिनी,
ऐसा रंग रंगा रंगरेज ने, के लालों लाल कर दिनी,
चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रै झीनी।

चादर ओढ़ शंका मत करियो, ये दो दिन तुमको दिनी,
मूरख लोग भेद नहीं जाने, दिन दिन मैली किनी,
चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रै झीनी।

ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओढ़ी, शुकदेव ने निर्मल कीन्हि,
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी, ज्यो की त्यों धर दिनी,
चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रै झीनी।

चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रै झीनी।

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