Singer Name : singer : Bhakhar Khambhuबाबा म्हाने दर्शन दे धोरे री धरती में थारो उंचो रे देवालियो बाबा धोरे री धरती में थारो ऊँचो रे देवालियो हे थाने अरज करुण दातार बाबा म्हाने दर्शन दे हे थाने अरज करुण दातार बाबा म्हाने दर्शन दे दर्शन दे ओ बाबा दर्शन दे दर्शन दे ओ बाबा
Singer Name : singer : NASatguru ke Darbar me To jaiye barmbar bhuli vastu batayi de Mere satguru hai datar Sado bai satguru mohe parnaya Bhai or bandu sab kutum kabilo beed dekh bhag Jaya Sado bai satguru mohe parnaya Picham disha mahari kri hai sagai No din baan bithaya hai Prem ki pithi maar
पितर महिमा तर्ज :- देना हो तो दीजिये… पितर जी की महिमा का आओ करे बखान, जीवन में खुशियां भरते इनसे है घर की शान, जब जब विपदा घेरे मुझको मन मेरा घबराया है, पितर देव ने सिर पर मेरे अपना हाथ फिराया है, वो साथ खड़े है हरपल करने मेरा कल्याण,।। 1 ।। मैंने
जय धरती माँ, जय गौ माता, गूंज रहा है मंत्र महान्। सुखद सुमंगल विश्व कामना, जीव मात्र का हो कल्याण। जय धरती माँ, जय गौ माता। गौ की सेवा स्वयं प्रभु भी, करके कहलाये गोपाल। हल को धारे चले तपस्वी, युग – युग से धरती के लाल। माँ सृष्टि से पावन नाता, आनन्दित करते रसपान।
छोड़ के सारी दुनिया, आया मैं तेरे दर पर, सतगुरु मेहर कर, सतगुरु मेहर कर… मुझमे भी बहुत अवगुन हैं, मैं गुनहगार हूँ, उजड़ा पड़ा जो बरसों से, मैं वो दयार हूँ, हर पल लगता है डर… सतगुरु मेहर कर.. तूफानों में है मेरी कश्ती, मुझसे दूर किनारा, मैं और पुकारूँ किसको, बिन तेरे कौन
तर्ज : मोरिया आच्छो बोल्यो रे… बोलिया, पित्तर जी म्हारै घर में, बोलिया बै तो हरदम हाजिर-2, खड़या है म्हारै साथ। बोलिया, पित्तर जी… बोलिया, पित्तर जी चौखी चौखी, बात जी… म्हारै मन का सारा-2, दूर करें है विकार। बोलिया, पित्तर जी… बोलिया, पित्तर जी धरम करम थे सब करो… थारो धरम करयोड़ो-2 जासी थारै
तर्ज :क्या मिलिये ऐसे लोगों से.. साँचे मन से पितृ देव के, चरणों में करना फरियाद, ऋतु अनुसार ही दान-धर्म हो, तब ही मिलेगा आशीर्वाद, कलश घड़े का दान करो, ग्रीष्म ऋतु में जल की सुराही, ए.सी. कूलर फ्रीज पॅखा दे, पित्तरों का सम्मान करो, शीतल मन से ब्राह्मण देवा, दे देवेंगे आशीर्वाद। ऋतु अनुसार…..
तर्ज : बाबुल का ये घर बहना…. पितरों की किरपा से, घर आँगन महक रहा, हमारा ये घर परिवार, खुशियों से है, चहक रहा…. पितरों ने महर करी, कारोबार भी, बढ़ता गया, सुख समृद्धि मिली, नाम कुल का भी, चढ़ता गया, पित्तरों की महिमा से, आज कुल सारा दमक रहा….।1। पित्तरों की पूजा से, आज
तर्ज : दिल के अरमां आसुवों में बह गये.. पित्तरां को दरसाव म्हानै, हो रहयो पित्तरां की भगति में मनड़ो, खो रहयो… पित्तरां की शक्ति नै म्है तो, जाणग्या हर घड़ी, अहसास म्हानै, हो रहयो…. पित्तरां की सकलाई म्हानै, मिल रही पित्तरां को वरदान म्हानै, मिल रहयो… पित्तरां को वासो म्हारै हिवड़ मै है मन
तर्ज:- खाटू को श्याम रंगीलो जी… पितरां की शान निराली जी, पितरां की पितरां की सकलाई ठाडी घर-घर मायँ रुखाली जी, पितरां की, कोई (2) घर मँ दयो पितरां ने वासो पैण्डै मांहि दिवलो चासो ज्योति बड़ी महरां वाली, पितरां की, कोई(2) पितरां को है वास सुहाणो पितरां नै नही कदै भुलाणो पूजा सुख देणै