ना मैं मांगू खेल खिलौना, ना मैं लाल फरारी, एक बार करवादे बाबा, लीले की सवारी, तेरे संग झूम लू मैं, ये दुनिया घूम लू मैं-२ मैं भी देखूं लीला घोडा, कैसी दौड़ लगाता, जब कोई प्रेमी याद है करता, झटपट दौड़ के आता, रोते हुए चेहरो पे लाता, ये मुस्कान है प्यारी, एक बार
खाटू वाले श्याम धनि मने चस्का एक तेरी यारी का, ना ते मने चेतक चाहिए जी ना ही चस्का लाल फर्रारी का, मैं सीधा साधा जाट सु बाबा तने मिलन आया सु, ना माँगन ताहि आया बाबा दर्शन खातिर आया सु, तू बिन बोले ही देदे है सुन रखाया है दिल दारी का, ना ते
Guru Aloo Singh Ji Ki गुरु आलू सिंह जी की, म्हाने याद सतावै है, छोड़ गया भक्तां ने – गुरूजी छोड़ गया भक्तां ने, म्हारो हियो भर आवै है। गुरु आलु सिंह जी की, म्हाने याद सतावै है।। छोटी सी उमरियाँ में, बाबा श्याम का दीवाना बणयां, खाटू ने चमन करयो, जग सारो जान्यो। इब
मन को लुबहाये ये तो सबको ही भाए ये प्रेम बडाये सबसे, ये बाबा मोर छड़ी वाला, जो भी आये सबको निभाए। ये बाबा नीले घोड़े वाला ये बाबा मोर छड़ी वाला।। श्याम का रंग नीला पहने पीताम्बर पीला, इसका बागा सजीला इसका रूप है नशीला, जो भी देखे होश गवाए, ऐसा जादू इसने डाला,
आया में आया बाबा में तो आया-२ तुझे अपना हाल दिखने सोई तकदीर जगाने -२ तुझे अपना श्याम बनाने तुझे दिल से श्याम रिझाने, आया में आया बाबा में तो… कहते है लोग तुझे लखदातारी, खाटू के श्याम बाबा संकटहारी, मरे संकट दूर भगा दे मुरझाये फूल खिलादे-२ रोते को श्याम हसा दे प्रभु प्रेम
तर्ज:- अफसाना लिख रही हूँ। तेरी खाटू की नगरिया, मनै लागै प्यारी-प्यारी। प्रेम नज़र तेरी हो जाये तो खिल जाए फुलवारी ।। तेरे दर्शन पावण की बाबा, मेरै लगन लगी दिल म। बस तू ही तू दिखै सै, न्यू ज्योत जगी दिल म। तेरी सूरत बसगी दिल म, हे बाबा चमत्कारी।। प्रेम नज़र तेरी… |
कीड़ी ने कण हाथी ने मण, सगलो हिसाब चुकावे है, खाटू माही बैठा संवारा सारा खेल रचावे है, जो जल में रवे जीव जंतु वो जल में सब पावे है, जो रवे है इधर धरती पर बई धरती सु पावे है, जारी जितनी चौकस हॉवे, बितनो ही चुगो चुगावें है, खाटू माही बैठा संवारा सारा
श्याम तेरे ही भरोसे मेरा परिवार है, तू ही मेरी नाव का माझी, तू ही पतवार है। श्याम तेरे ही भरोंसे मेरा परिवार है।। हो अगर अच्छा माझी, नाव फिर पार होती, किसी की बीच भवर में, फिर न दरकार होती। अब तो तेरे ही हवाले, मेरा घरबार है। श्याम तेरे ही भरोंसे मेरा परिवार
मन परेशान है दिल भी हैरान है हारता जा रहा तू कहाँ श्याम है। चलते चलते प्रभु आ गया मैं कहाँ कुछ खबर ही नही कुछ नही ज्ञान है। मन परेशान है दिल भी हैरान है कारवा जा रहा तू कहाँ श्याम है। है कठिन ये सफर दूर मंज़िल बड़ी ना तो है रहगुजर मुश्किलें