फाल्गुन के मेले में मुझको बुलाकर : Falgun Mela Bhajanverified 

Falgun Ke Mele Mein Mujhko Bulakar : Falgun Mela Bhajan

Falgun Ke Mele Mein Mujhko Bulakar

फाल्गुन के मेले में मुझको बुलाकर।
बैठा तू भक्तों का जमघट लगाकर।
कैसे मिलूं तुमसे श्याम।
तू ही बता मेरे श्याम।।

कल तेरे चर्चे बाजारों में होंगे।
खाटू के रंगीं नजारों में होंगे।
फूलों के रथ पे, निकलेगी झांकी।
फिर भी ललक मेरी आंखों में होगी।
फाल्गुन के मेले में मुझको बुलाकर।
बैठा तू भक्तों का जमघट लगाकर।
कैसे मिलूं तुमसे श्याम।
तू ही बता मेरे श्याम।।

आया हूं मैं भी तो दुनिया से लड़ के।
खाटू में तेरा मैं दर्शन करूंगा।
घर से मैं निकला था इस जिद पे अड़ के।
झोली मैं खाली दर पे भरूंगा।
फाल्गुन के मेले में मुझको बुलाकर।
बैठा तू भक्तों का जमघट लगाकर।
कैसे मिलूं तुमसे श्याम।
तू ही बता मेरे श्याम।।

तुझको तो प्रेमी यहां लाखों मिलेंगे।
हाथों में लेकर निशान चलेेंगे।
पर मेरी कश्ती का, इक तू ही मालिक।
बिन तेरे कैसे मैं जिन्दा रहूंगा।
फाल्गुन के मेले में मुझको बुलाकर।
बैठा तू भक्तों का जमघट लगाकर।
कैसे मिलूं तुमसे श्याम।
तू ही बता मेरे श्याम।।

मेरी मिन्नतों को तू ठुकरा दे चाहे।
तुझसे कभी न मैं शिकवा करूँगा।
आँखों में बसती है तस्वीर तेरी।
सारी उमर तेरी पूजा करूँगा।
भेजेगा लेकिन, क्या मुझको रुला कर।
अपने इस बेटे को, दिल से भुला कर।
सच सच बता मेरे श्याम।
क्या है खता मेरी श्याम।।

फाल्गुन के मेले में मुझको बुलाकर।
बैठा तू भक्तों का जमघट लगाकर।
कैसे मिलूं तुमसे श्याम।
तू ही बता मेरे श्याम।।

लिरिसिस्ट : अमित अग्रवाल ‘मीत’

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *