ऐ री नैनन में श्याम समाए गयो, मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो॥ लुट जाउंगी श्याम तोरी लटकन पे, बिक जाउंगी श्याम तोरी मटकन पे, वो तो मधुर मधुर मुस्काय गयो, मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो। ऐ री नैनन में श्याम समाए गयो, मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो॥ मर जाउंगी श्याम तोरी नैनन
बांके बिहारी की बांकी अदा पे, मै बार बार बलि जाऊ, जनम जनम वृन्दावन राजा, तेरे चरणन की रज पाऊ। मेरो बाँके बिहारी अनमोल रसिया, मेरो कुञ्ज बिहारी अनमोल रसिया, ओ रंग रसिया ओ रंग रसिया, ओ मेरे मन बसिया। जय जय श्री राधे… प्यारी-प्यारी सलोनी तेरी सुरतिया, मेरे मन में बसी है तेरी मूरतिया,
कन्हैया तुम्हे एक नजर देखना है, जिधर तुम छुपे हो उधर देखना है।। अगर तुम हो दीनो के आहो के आशिक, तो आहो का अपना असर देखना है। [जिधर तुम छुपे… देखना है।] उबारा था जिस हाथ ने गिद्ध गज को, उसी हाथ का अब असर देखना है। [जिधर तुम छुपे… देखना है।] विधुर भीलनी
प्रेम सरोवर छाड़ के तू, अटके है क्यों चित्त की चाहन में। जहाँ गेंदा गुलाब अनेक खिलें, बैठे क्यों करील की छाहँन में॥ दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन कर देख ज़रा। राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर चल कर देख ज़रा॥ दुनिया के चक्कर में पड़ कर, कई
राधे कृष्ण की ज्योति अलौकिक, तीनो लोक में छाए रही है॥ भक्ति विवश एक प्रेम पुजारिन, फिर भी दीप जलाये रही है। कृष्ण को गोकुल से राधे को, (कृष्ण को गोकुल से राधे को) बरसाने से बुलाय रही है॥ दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन आरती गाये रही है, दोनों करो स्वीकार कृपा कर, जोगन
गुरु गोविन्द दोउ खड़े, काके लागूं पाँय, गुरु गोविन्द दोउ खड़े, काके लागूं पाँय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय, कबीरा, गोविंद दियो बताय… बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर, कबीरा, फल लागे अति दूर… ऐसी बानी
अपनी वाणी में अमृत घोल (अपनी वाणी में अमृत घोल) ओ रसना राधे राधे बोल ये बोल बड़े अनमोल। ओ रसना राधे राधे बोल… राधाजी बरसाने वाली, राधाजी वृषभानु दुलारी। (राधाजी बरसाने वाली, राधाजी वृषभानु दुलारी) दो अक्षर आधार जगत के (दो अक्षर आधार जगत के) ये अक्षर अनमोल। ओ रसना राधे राधे बोल… रसना
बांके बिहारी रे दूर करो दुःख मेरा, गिरवरधारी रे दूर करो दुःख मेरा। सुना है जो तेरी शरण में आवे, उसके दुखड़े सब मिट जावे, मैं आई शरण तिहारी रे, बांके बिहारी रे दूर करो दुःख मेरा। सारी दुनिया की ठुकराई अब तो तेरी शरण में आई, मेरी लाज रखो वनवारी रे, बांके बिहारी रे