मेरे श्याम बाबा सुनलो एक अरज ये मेरी, छोड के जाऊ जब मैं दुनिया, सांवरे पलक निहारू छवि तेरी। अन्तिम सांस हो जब सांवरिया, मुख से श्याम ही निकले, बुझ जाए दीपक जब जीवन का मेरे पाप मिटा दो, सारी बंदिशे मिटा दो तेरा धाम पाऊ जिंदगी घटा दो। कट दो कन्हैया मेरी, जनम जनम
किसने सजाया खाटू वाले को, बनड़ा बनाया खाटू वाले को किसने सजाया खाटू वाले को। माथे लगाया, प्यारा चन्दन का टीका, चंदा भी जिसके आगे लागे फीका फीका, गजरा पहनाया, खाटू वाले को, बनड़ा बनाया खाटू वाले को किसने सजाया खाटू वाले को-(२) कारी मतवाली आँखें प्यारी प्यारी, भक्तों को घायल करती बन कर कटारी,
ऐसा करू गुनाह मुकदमा सांवरिया तेरे पास हो, मैं तेरा मुजरिम कहलाऊ चरणों में कारा वास हो, तेरे प्यार की हाथ कड़ियों में जकड़ तेरे घर पे आउ, मन ही मन में ख़ुशी मनाता तनिक नहीं मैं घबराऊ, जो तू करे फैसला उस पर पूरा मुझे विश्वास हो, मैं तेरा मुजरिम कहलाऊ चरणों में कारावास
मेरा बाबा कितना प्यारा है, ये प्यार तो हमसे करता है, झोली खुशियों से हम सबकी-२ मेरा श्याम दयालु भरता है, ओ मेरे बाबा, ओ श्याम बाबा-२ तेरी ग्यारस जब जब आती है, मुझे तेरी याद सताती है-२ तेरे दर्शन करने को बाबा, खाटू नगरी बुलाती है, ओ मेरे बाबा, ओ श्याम बाबा-२ जब भी
ओ खाटू के बाबा श्याम तू लीले चढ़ कर आजा। (तू लीले चढ़ कर आजा) भक्तां रा कष्ट मिटा जा, हो जा मन का पूर्ण काम, तू लीले चढ़ कर आजा॥ नैया है बीच भंवर में भारी उठाव है जल में, नैया हो रही डावा डोल केवट बन पार लगा जा, खाटु के बाबा श्याम…
।। श्लोक ।। श्याम नाम की चाकरी,करिये आठों याम, मन इच्छा पूरी करे, म्हारा खाटु वाला श्याम। नौकर रख ले सांवरे, हमको भी इक बार, बस इतनी तनख्वाह देना, मेरा सुखी रहे परिवार। नौकर रखले सांवरे, हमको भी इक बार।। तेरे काबिल नहीं हूँ बाबा, फिर भी काम चला लेना। जैसा भी हूँ तेरा ही
तेरी रेहमतो का दरिया सरेआम चल रहा है। मुझे भीख मिल रही है मेरा काम चल रहा है। जब तक थी तुम से दुरी, कीमत न कुछ मेरी थी। हुई तुमसे जो मोहब्बत, मेरा नाम बन रहा है। तेरी रेहमतो का दरिया, सरेआम चल रहा है। मुझे भीख मिल रही है, मेरा काम चल रहा
तू किरपा कर बाबा, कीर्तन करवाऊंगा, कीर्तन कराऊँ ऐसा, इतिहास बना दूँँगा। तू किरपा कर बाबा जय हो जय हो… मैं भाई भतीजो के, कुरते सिलवाऊंगा, और बहन बेटियों के, गहने बनवाऊंगा। इत्र की खुशबु से, ये घर महकाऊँगा। कीर्तन कराऊँ ऐसा… मैं फूलों से बाबा, श्रृंगार कराऊंगा, तेरे खातिर सांवरिया, छप्पन भोग बनाऊंगा। मैं