ओ खाटू के बाबा श्याम तू लीले चढ़ कर आजा

O Khatu Ke Baba Shyam Tu Lile Chad Kar Aaja

ओ खाटू के बाबा श्याम
तू लीले चढ़ कर आजा।
(तू लीले चढ़ कर आजा)
भक्तां रा कष्ट मिटा जा,
हो जा मन का पूर्ण काम,
तू लीले चढ़ कर आजा॥

नैया है बीच भंवर में
भारी उठाव है जल में,
नैया हो रही डावा डोल
केवट बन पार लगा जा,
खाटु के बाबा श्याम…

मैं गयो ना दूजे द्वारा,
जो दिखे मोहे सहारा,
बाबा थारो ही आधार
तू आके कष्ट मिटा जा,
खाटु के बाबा श्याम…

‘आलूसिंह’ जी कहे पियारा,
दयो हुकुम होय निस्तारा,
घनश्याम को तू ही श्याम,
तू लीले चढ़ कर आजा,
खाटु के बाबा श्याम…

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