आ… आ… ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे (ओ शंकर मेरे कब होंगे दर्शन तेरे) जीवन पथ पर शाम सवेरे (जीवन पथ पर शाम सवेरे) छाए हैं घनघोर अँधेरे ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे… मैं मूरख तू अंतर्यामी…x2 मैं सेवक तू मेरा स्वामी (मैं सेवक तू मेरा स्वामी) काहे मुझसे नाता तोड़ा
इतनी किरपा साँवरे बनाए रखना, और मरते दम तक सेवा में लगाये रखना, इतनी किरपा साँवरे बनाए रखना। तूँ मेरा मैं तेरा बाबा तू राजी मैं राज़ी, तेरे नाम पे लिख दी मैंने इस जीवन की बाज़ी, लाज तुम्हारे हाथ है बचाएँ रखना, और मरते दम तक सेवा में लगाये रखना, इतनी किरपा संवारे बनाये
धुप समय की लाख सताये, मुझमे हिम्मत बाकी है-२ मेरा सर ढकने को माई, तेरी चुनर काफी है, क्या मांगे वो बेटा जिसने, माँ की ममता पाई है, एक तरफ है ये जग सारा, एक तरफ मेरी माई है, क्या मांगे वो बेटा जिसने, माँ की ममता पाई है, एक तरफ है ये जग सारा,
रंगली रंगली चुनरिया, तेरे नाम बालाजी, मेरे बाबा बजरंगी, वे मैं तेरे रंग रंगी, मैं तो तेरी ही हां बाबा, पाबे मंदी पाबे चंगी, मेता लेंदी रहंदी, तेरा ही तो नाम बालाजी, ओ रंगली रंगली चूनरिया, तेरे नाम बालाजी॥ तू तो रहना बड़ी दूर, मेरी अखियां दे नूर, मेरे उते चडा रहंदा, बाबा तेरा ही
जयकारा शेरावाली दा, बोल साँचे दरबार की जय… त्रिशूल पे तेरे धरती थमी है, मैया ऋणी है ये दुनिया तेरी, धूं धूं जले बस्तियां पाप की माँ, ज्वाला सी देहके जो बिंदिया तेरी… ज़ालिम अगर शक्तिशाली है तो क्या, सच तोड़ देता है फौलाद को, मैया जो दो-दो जने शेर तूने, वो चीर डालेंगे अपराध
तुम्ही श्याम अपने, सगरे पराए, काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए। कहते थे खुद को, जीवन के संगी, बदले जमाना, बदलेंगे ना कभी, भागे जो रैन भागे, सूरज उगाए। काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए, तुम्ही श्याम अपने, सगरे पराए, काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए। दुनिया के मेले में, तुमको भूलाया, कभी नाम तेरा,
मेरी लक्ष्मी माता आजा, तेरे भक्त खड़े हैं गली गली, मेरी लक्ष्मी माता आजा, तेरे भक्त खड़े हैं गली गली। मैया घी का दीप जलाया, ये जगमग ज्योति जली जली, मेरी लक्ष्मी माता आजा, तेरे भक्त खड़े हैं गली गली। मैया अंगना सोहणा सजाया, फूलों की बिखेरी कली कली, मेरी लक्ष्मी माता आजा, तेरे भक्त
बाबा श्याम के दरबार मची रे होली, बाबा श्याम के, मची रे होली रे खेलांगा होली, बाबा श्याम के, बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के।। केमण लाल गुलाल उड़त है, केमण केसर कस्तूरी, बाबा श्याम के, बाबा श्याम के दरबार मची रे होरी, बाबा श्याम के।। सौमण लाल गुलाल उड़त है,
नमामि आदि शंकरम् नमाम्यहं महेश्वरम् डमा डमा नमाम्यहं श्री अमरनाथ ईश्वरम्.. हिमानी शिव नमाम्यहं बर्फानी शिव शंकरम्… है आप क्यों अजर अमर जब गूंजे ये उमा के स्वर निकल पडे उमा के नाथ बताने वो गुफा अमर.. (है आप क्यों अजर अमर जब गूंजे ये उमा के स्वर निकल पडे उमा के नाथ बताने वो
शिव समा रहे मुझ में, और मैं शून्य हो रहा हूँ। शिव समा रहे मुझ में, और मैं शून्य हो रहा हूँ। क्रोध को लोभ को-२ मैं भस्म कर रहा हूँ, शिव समा रहे मुझ में, और मैं शून्य हो रहा हूँ। ॐ नमः शिवाय, शिव समा रहे मुझ में, और मैं शून्य हो रहा