जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा, सुबह शाम बोल बंदे कृष्णा कृष्णा कृष्णा, जो तू मिटाना चाहे, जो तू मिटाना चाहे, जो तू मिटाना चाहे, जीवन की तृष्णा, सुबह शाम बोल बंदे कृष्णा कृष्णा कृष्णा, कृष्णा नाम पवन पवन कृष्णा नाम प्यारा प्यारा, जो ना बोले कृष्णा कृशन जाग से वो हरा हरा, मॅन
अब तो बाबा सुन लो, हम भक्तों की दरकार, अब के जनमदिन से पहले, तुम खोल देना दरबार।। हारे है बाबा हम तो, बिना तेरे सांवरे, जीवन की डोर बांधी, तेरे ही संग सांवरे, कार्तिक की ग्यारस पर, हमें दे दो ये उपहार, अब के जनमदिन से पहले, तुम खोल देना दरबार।। मिलने की चाहत
जब जब भी विपदा आई, मेरा श्याम बना है सहाई, दुनिया वालो ने छोड़ा, मेरे श्याम ने नाता जोड़ा, बुलाओ तो ये दौड़ा आता है, ये संकट को मिटाता है।। मेरे दर्द भरे जब दिन थे, श्याम ने हाथ बढ़ाया, अंधियारी रातों में, बाबा ने साथ निभाया, मेरे श्याम ने गले लगाया, और अपना मुझे
राम हैं स्वनाम धन्य, राम धन्य नाम, राम को प्रणाम, राम नाम को प्रणाम, राम भजन कर मन….. ओ मन रे कर तू राम भजन कर मन।। सब में राम, राम में है सब, तुलसी के प्रभु, नानक के रब्ब राम रमईया घट-घट वासी, सत्य कबीर बचन… राम भजन कर मन।। राम नाम में पावत
राम नाम सोहि जानिये, जो रमता सकल जहान, घट घट में जो रम रहा, उसको राम पहचान, तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदास मन काहे को करे। नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सँभाले।। हरि आप ही उठावे तेरा भार, उदास मन काहे को करे। काबू में मँझधार उसी के, हाथों में पतवार
दोहा – चल भगता हूण श्याम दे चलिए, साडा दूजा होर ना ठिकाणा, जग सारा हूण रेन बसेरा, आज रुक ना कल टूर जाणा। तेरा साथ निभायेगा, विश्वास जरुरी है, तेरी बिगड़ी बनाएगा, विश्वास जरुरी हैं।। जिस दिन भी तू सच्चे मन से, इसका हो जाएगा, उस दिन से तू हर पल इसको, अपने संग
॥ दोहा ॥ नुगरा नर तो मत मिलो, चाहे पापी मिलो हजार। एक नुगरे रे शीश पर, लख पापिया रो पाप॥ अवगुण बहुत किया। गुरु साहब मैंने, अवगुण बहुत किया॥ नौ-दस मास गर्भ में झूले, जननी को दुखड़ा दिया। गुरु साहब मैंने, अवगुण बहुत किया॥ जितरा पैर धरिया धरण पे, पग पग पाप किया। गुरु
चोरी माखन की दे छोड़ कन्हीया मैं समझाऊँ तोय, एक लाख गैया नन्द बाबा की नित नित माखन होय, बड़ो नाम है नन्द बाबा का हंसी हमारी होय, चोरी माखन……. बरसाने से तेरी आई रे सगाई रोज बतक्नी होए, बड़े घरन की राधा पबेटी ना ही बनेगी तोय, चोरी माखन….. चाहे माता मोहे मारो पीटो
कृष्णा गोविन्द गोपाल गाते चलो, अपनी मुक्ति का साधन बनाते चलो, दुःख में तड़पो नहीं, सुख में फूलो नहीं, प्राण जाये मगर, नाम भूलो नहीं। मुरली वाले को मन में रिझाते चलो, कृष्णा गोविन्द गोपाल…x2 काम करते चलो, नाम जपते चलो, कृष्ण का कर समय ध्यान करते चलो, जिंदगी के हर इक गम मिटाते चलो
राम नाम जपते रहो, जब तक घाट घाट मैं प्राण। राम भजो, राम रटो, राम साधो, राम राम राम राम की महिमा का, कोइ अर ना कोई प्यार रे। लाख जाटान की, फिर भी ना समाज संसार रे। राम के चरणन मिले, क्या जग के सारे धाम। राम भजो, राम रटो, राम साधो, राम राम