राम भजन कर मन, ओ मन रे कर तू राम भजन। ◾️ सब में राम, राम में है सब, तुलसी के प्रभु, नानक के रब्ब। राम रमईया घट घट वासी, सत्य कबीर बचन॥ ◾️ राम नाम में पावत पावन, रवि तेज्योमय चन्द्र सुधा धन। राम भजन बिन ज्योति ना जागे, जाए ना जीय की जरन॥
राम प्रभु आधार जगत के, राम जीवनाधार। राम एक आदर्श हमारे,वंदन करूँ हज़ार॥ ◾️ दो अक्षर की अमोघ शक्ति, महा मंत्र है मंगल नाम। श्री राम, श्री राम, श्री राम जय राम जय जय राम॥ ◾️ अजानुबाहू, वीर धनुधर। श्यामल कान्ति, शरीर सुन्दर। सुर नर पालक, असुर संघारक। भक्त जानो के हैं विश्राम। श्री राम,
राम नाम सुखदाई भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का ◾️ ये तन है जंगल की लकड़ी आग लगे जल जाई, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का… ◾️ ये तन है कागज की पुड़िया हवा चले उड़ जाई, भजन करो भाई ये जीवन दो दिन का… ◾️ ये तन है माटी का
राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊं गली गली। ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली॥ दोलत के दीवानों सुन लो एक दिन ऐसा आएगा, धन योवन और रूप खजाना यही धरा रह जाएगा। सुन्दर काया माटी होगी, चर्चा होगी गली गली, ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं
राम धुन लागि श्री राम धुन लागि, मन हमारा हुआ,राम राम जी का सुआ, बोले राम राम,हरपल राम राम, निशदिन राम राम,जय श्री राम राम, हे राम ही राम रटे बैरागी, राम धुन लागि श्री राम धुन लागि।। ◾️ बिन कारण रोए हँसे, अजब हमारा हाल, हम गाते है राम धुन, दुनिया देती ताल, श्री
राम तुम बड़े कृपालु हो, शाम तुम बड़े दयालु हो। नाथ तुम बड़े दयालु हो, प्रभु जी तुम बड़े कृपालु हो॥ ◾️ और न कोई हमारा है, मुझे इक तेरा सहारा है। कि नईया डोल रही मेरी, प्रभु जी तुम करो न अब देरी॥ ◾️ तेरा यश गाया वेदों ने, पार नहीं पाया वेदों ने।
राम जी की निकली सवारी, राम जी की लीला है न्यारी। -श्लोक- ◾️ हो सर पे मुकुट सजे, मुख पे उजाला, हाथ में धनुष गले, में पुष्प माला, हम दास इनके, ये सबके स्वामी, अन्जान हम ये अन्तरयामी, शीश झुकाओ राम-गुन गाओ, बोलो जय विष्णु के अवतारी। राम जी की निकली सवारी, राम जी की
मेरे मन में है राम, मेरे तन में है राम। मेरे नैनो की नगरिया में राम है॥ ◾️ मेरे रोम रोम के है राम ही रमिया, साँसों के स्वामी, मेरी नैया के खिवैया। कण कण में हैं राम, त्रिभुवन में हैं राम, नीले नभ की अटरिया में राम है॥ ◾️ जनम जनम का जिन से
राम को देख कर के जनक नंदिनी, बाग़ में वो खड़ी की खड़ी रह गयी। राम देखे सिया को सिया राम को, चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी॥ ◾️ यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग, ले धनुष दानवो को लगे काटने। एक ही बाण में ताड़का राक्षसी, गिर जमी पर पड़ी
राम के भजने से बेडा पार है, राम के भजने से बेडा पार है, बिन भजन के ये जनम बेकार है, बिन भजन के ये जनम बेकार है, राम के भजने से बेडा पार है, राम के भजने से बेडा पार है, ◾️ ये मानुष सुन्दर जनम तुझको मिला ये मानुष सुन्दर जनम तुझको मिला