Author: Gagan Sharma

श्री राधा चालीसा – श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार।

॥दोहा॥ श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार। वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार॥ जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम। चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम॥ ॥चौपाई॥ जय वृषभानु कुँवरी श्री श्यामा, कीरति नंदिनी शोभा धामा॥ नित्य बिहारिनी रस विस्तारिणी, अमित मोद मंगल दातारा॥1॥ राम विलासिनी रस विस्तारिणी, सहचरी सुभग यूथ मन भावनी॥ करुणा सागर हिय उमंगिनी, ललितादिक

श्री गायत्री चालीसा – ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचण्ड।

॥दोहा॥ ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचण्ड। शान्ति कान्ति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखण्ड॥ जगत जननी मङ्गल करनि गायत्री सुखधाम। प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम॥ ॥चौपाई॥ भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी। गायत्री नित कलिमल दहनी॥ अक्षर चौविस परम पुनीता। इनमें बसें शास्त्र श्रुति गीता॥ शाश्वत सतोगुणी सत रूपा। सत्य सनातन सुधा अनूपा॥

राहों में नज़र रखना, होठों पे दुआ रखना

राहों में नज़र रखना, होठों पे दुआ रखना आ जाये प्रभु शायद, दरवाज़ा खुला रखना ◾️ भूलूँ ना कभी पल भर मैं नाम तेरा भगवन चरणों में सदा अपने मेरे मन को लगा रखना राहों में नज़र रखना… ◾️ क्यों भव में भटकने की देते हो सजा सबको दुस्वार है पल भर भी तेरे रहम

रामामृत पद पावन वाणी, राम-नाम धुन सुधा सामानी

रामामृत पद पावन वाणी, राम-नाम धुन सुधा सामानी पावन-पाथ राम-गन-ग्राम, राम-राम जप राम ही राम … 1 परम सत्य परम विज्ञान, ज्योति-स्वरूप राम भगवान। परमानंद, सर्वशक्तिमान राम परम है राम महान … 2 अमृत ​​वाणी नाम उच्चाहरान, राम-राम सुख सिद्धिकारण अमृतवानी अमृत श्री नाम, राम-राम मुद-मंगल -धाम। … 3 अमृतरूप राम-गुण गान, अमृत-कथन राम व्याख्यान

रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया

रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया। रघुकुल नंदन कब आओगे, भिलनी की डगरिया॥ मैं शबरी भिलनी की जाई, भजन भाव ना जानु रे। राम तेरे दर्शन के कारण, वन में जीवन पालूं रे। ◾️ चरणकमल से निर्मल करदो, दासी की झोपड़िया॥ रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया। रघुकुल नंदन कब आओगे, भिलनी की

राम से बड़ा राम का नाम.. सिमरिये नाम रूप बिनु देखे

अंत में निकला ये परिणाम, ये परिणाम, राम से बड़ा राम का नाम.. ◾️ सिमरिये नाम रूप बिनु देखे, कौड़ी लगे ना दाम. नाम के बांधे खिंचे आयेंगे, आखिर एक दिन राम. राम से बड़ा राम का नाम.. ◾️ जिस सागर को बिना सेतु के, लांघ सके ना राम. कूद गये हनुमान उसी को, लेकर

राम सिया सुन्दर प्रतिछाई जगमगात मन खम्भन माहि

राम सिया सुन्दर प्रतिछाई। जगमगात मन खम्भन माहि। राम राम राम राम राम राम राम॥ ◾️ मनहुँ मगन रति धरी बहूरूपा। देखत राम बियाहु अनूपा। राम राम राम राम राम राम॥ नयन नीरू हटी मंगल जानि। परिछन कारन मुदित मन रानी। राम राम राम राम राम राम॥ ◾️ वेद बिहित अरु तुलाचारु। कीन्हा फल बिधि

राम राम राम भजो राम भजो भाई

राम राम राम भजो राम भजो भाई। राम भजन बिन, जीवन सदा दुखदायी॥ ◾️ अति दुर्लभ मनुज देह सहज ही पायी। मुर्ख रहो राम भूल, विषयन मन लायी॥ ◾️ बालकपन दुःख अनेक भोगत ही विसारी। स्त्री सुत्त धन की अपार चिंता करना नाही॥ ◾️ राम नाम जपत त्रिविद ताप जगन साई। राम नाम मंगल करन

राम रमैया गाए जा राम से लगन लगाए जा

दोहा: राम नाम रटते रहो, जब तक घट में प्राण। कभी तो दीन दयाल के भनक पड़ेगी कान॥ ◾️ राम रमैया गाए जा राम से लगन लगाए जा। राम ही तारे राम उभरे, राम नाम दोहराए जा॥ ◾️ सुबह यहाँ तो श्याम वहां है, राम बिना आराम कहाँ है। राम रमैया गाये जा, प्रभु से

राम भजो आराम तजो। राम ही शक्ति उपासना

राम भजो आराम तजो। राम ही शक्ति उपासना,राम ही शान्ति साधना। राम ही कार्य प्रेरणा,राम ही योग और धारणा। राम ही लक्ष्य है लक्ष्मण का,हनुमान जी के प्राण हैं॥ ◾️ राम सिया राम बोलो, राम सिया राम। जय रधुनन्दन, जय सिया राम। जानकी वलभ, राजा राम। दशरथ नंदन राजा राम। कौशल चन्द्र जय श्री राम॥