गोपाल मुरलिया वाले, नंदलाल मुरलिया वाले, (गोपाल मुरलीया वाले, नंदलाल मुरलिया वाले) श्री राधा जीवन नीलमणि, गोपाल मुरलिया वाले। गोपाल मुरलीया वाले, नंदलाल मुरलिया वाले, श्री राधा जीवन नीलमणि, गोपाल मुरलिया वाले॥ जिन्हे देखने के लिए हम, जिए जा रहे है, वे पर्दे पे पर्दा, किए जा रहे है। मैं मर तो लिया होता, कब
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है, तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है। जन्मो पे जनम लेकर मै हार गया मोहन, दर्शन बिन व्यर्थ हुआ हर बार मेरा जीवन। अब धैर्य नहीं मुझमे इतना तू परखता है, दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है। तेरे दर्शन को मोहन तेरा
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी। और संग में सज रही है वृषभानु की दुलारी॥ ◾️ टेडा सा मुकुट सर पर रखा है किस अदा से, करुना बरस रही है, करुना भरी निगाह से। बिन मोल बिक गयी हूँ, जब से छबि निहारी॥ ◾️ बहिया गले में डाले जब दोनों मुस्कुराते, सब को
मेरा आपकी दया से सब काम हो रहा है। करते हो तुम कन्हिया मेरा नाम हो रहा है॥ ◾️ पतवार के बिना ही मेरी नाव चल रही है। हैरान है ज़माना मंजिल भी मिल रही है। करता नहीं मैं कुछ भी, सब काम हो रहा है॥ ◾️ तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज की
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2 मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2 क्या जाने कोई क्या जाने -2 मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने -2 मुझे मिल गया मन का मीत ये दुनिया क्या जाने -2 ◾️ छवि लगी मन श्याम की जब
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम संग वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला वा रे लंगरवा, होरी के घरवा ◾️ सास ससुर ने नाही डरूंगी, सईया के बोल सब सह लुंगी, होरी खेलूंगी ◾️ ना चाहिए अब महल अटरयिा छोटी सी झोपड़िया में रह लूंगी, होरी खेलूंगी ◾️ ना चाहिए
मुरली बजा के मोहना क्यों कर लिया किनारा। अपनों से हाय कैसा व्यवहार है तुम्हारा॥ ◾️ ढूंढा गली गली में, खोजा डगर डगर में। मन में यही लगन है, दर्शन मिले दुबारा॥ मुरली बजा के मोहना… ◾️ मधुबन तुम्ही बताओ, मोहन कहाँ गया है। कैसे झुलस गया है, कोमल बदन तुम्हारा॥ मुरली बजा के मोहना…
आओ श्याम जी कन्हैया नंदलाल जी, मेरे प्राणो से प्यारे गोपाल जी। ◾️ दूर देश की रहने वाली, कैसे तुमको पाऊं कौन सुने या दुखिया मन की, किस को व्यथा सुनाऊँ मेरे प्राण सावँरे प्रीतम, मैं पल पल आस लगाऊं कब आवोगे मेरे जीवन साथी, मैं बलिहारी जाऊं अनजाने में अनजाने को दे बैठी दिल
आप क्या जानो ए श्याम सुन्दर, कैसे तुम बिन जिए जा रहें हैं। तेरे मिलने की उम्मीद लेकर, गम के आंसू पिए जा रहें हैं॥ ये जुदाई सहेंगे श्याम कब तक, बिन दर्शन रहेंगे श्याम कब तक। दुनिया से हो गए हैं बेगाने, तेरा नाम लिए जा रहें हैं॥ आप क्या जानों… श्याम सुन्दर कहाँ
जो तुमको भूल जाए, वो दिल कहां से लाऊं दिल है तो दिल में क्या है, कैसे तुम्हे बताऊँ ◾️ मेरे दिल का राज़ गम है, तू है बेनेयाज़ गम से तुझे अपने दर्दे दिल की क्या दासता सुनाऊं ◾️ नहीं अब रहा भरोसा मदहोश जिंदगी का तेरी याद के नशे में कहीं राह में