सांवरे तेरे दर देखा तेरा हुनर मिली तुमसे नज़र तो मज़ा आगया जादूगर बाजीगर अजब तेरा असर झुक गया मेरा सर तो मजा आ गया था अकेला यहाँ ज़िन्दगी में तनहा तू बना हमसफ़र तो मजा आगया लैब पे आयी हंसी खिल उठी ज़िन्दगी तुम सा पाया दिलबर तो मज़ा आगया झुक गया मेरा सर
मेरे सर पर रख बाबा, अपने ये दोनों हाथ, देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ। देने वाले श्याम प्रभु तो, धन और दौलत क्या मांगे, श्याम प्रभु से मांगे तो फिर, नाम और इज्जत क्या मांगे, मेरे जीवन में तू कर दे, बाबा कृपा की बरसात, देना हो तो दीजिए, जनम जनम का
जब जब प्रेमी कही पे कोई रोता है, आँख के आँसू से चरण को धोता है अक्सर तन्हाई मे तुमको पुकारे ना ज़ोर दिल पे चले हारे हारे हारे तुम हारे के सहारे हम हारे हारे हारे तुम हारे के सहारे तू है मेरा इक सावरा, तू है मेरा इक सावरा मई हू तेरा इक
Singer Name : singer : हरीश मगनखाटू जाके देखा जब सावरा, शुद्ध बुध भुल गई सारी………2 बस में रहा ना मन बावरा, मिली जो नजर मतवारी………2 अरे पता नही जी कौन सा नशा करता है, सारा संसार इस पे ही मरता है जिसपे हो जाये खाटू वाले की दया उसकी ही बाबा खाली झोली भरता
मझधार में नैया है राहें अंजानी है मेरे बाबा सुन लो मेरी ये नाव पुरानी है मैं बीच भंवर में हूँ मिलता न किनारा है मेरी डूबती नैया का एक तू ही सहारा है मुझे आस किसी से नहींमुझे आस बढानी है मेरे बाबा सुन लो, मझधार में नैया है दुनिया ने बतलाया तुम माझी
मेरी नैया ये डोलती, इसे किनारा दो, हारा मैं श्याम आके तुम, मुझे सहारा दो, हारा मैं श्याम आके तुम, मुझे सहारा दो।। क्या खता हो गई बता मुझको, अब तो दे खुशियों का पता मुझको, हुआ लाचार ना सता मुझको, बोलते ना तो कम से कम, मुझे इशारा दो, हारा मैं श्याम आके तुम,
श्याम बाबा श्याम बाबा दया करो तेरे दास पे, है चारो और अँधेरा सूजे न सवेरा, होर न कोई बाबा तेरे बिन मेरा, श्याम बाबा श्याम बाबा दया करो तेरे दास पे, रोज मुसीबत बाद मुसीबत आती है, मेरी आत्मा पल पल धीर गवाती है, खुद को खुद से ही बाबा मैं खोता हूँ, महफ़िल
ऐसे कैसे तुझसे बाबा, टूटेगा ये रिश्ता पुराना-२ आधा मैं निभाऊं, आधा तुम निभाना, ऐसे कैसे तुझसे बाबा, टूटेगा ये रिश्ता पुराना। तुझे बाबा हम तो, किसी को ना जाने-२ बस तुझे पहचाने, हाथ हाथों से ना छुड़ाना, आधा मैं निभाऊं, आधा तुम निभाना, ऐसे कैसे तुझ से बाबा, टूटेगा ये रिश्ता पुराना। पूजा विधि
मंदरिये में आके थारे साँवरा, जाणे को मन कोन्या रे करे, देवरीये में आके थारे साँवरा, जाणे को मन कोन्या रे करे। देसी घी को खाणों बाबा, घणो म्हानें भावे है, खाणे में बाबा म्हाने स्वाद घणों आवे है, पेट भर ज्यावा म्हारा साँवरा, पर मन म्हारो कोन्या रे भरे, मंदरिये में आके थारे साँवरा,
दोहा – यहाँ जो हर तरफ, उजाला सा दिखाई देता है, श्याम की ज्योति का, जलवा दिखाई देता है। यही इच्छा है मेरी ऐ श्याम, वहां जा के दम निकले, जहाँ से तेरा द्वारा दिखाई देता है॥ मर कर भी है अमर, जो दीवाने है श्याम के, ऐलान अपना कर, ऐलान अपना कर, ऐलान अपना