राम तुम बड़े कृपालु हो, शाम तुम बड़े दयालु हो। नाथ तुम बड़े दयालु हो, प्रभु जी तुम बड़े कृपालु हो॥ ◾️ और न कोई हमारा है, मुझे इक तेरा सहारा है। कि नईया डोल रही मेरी, प्रभु जी तुम करो न अब देरी॥ ◾️ तेरा यश गाया वेदों ने, पार नहीं पाया वेदों ने।
राम जी की निकली सवारी, राम जी की लीला है न्यारी। -श्लोक- ◾️ हो सर पे मुकुट सजे, मुख पे उजाला, हाथ में धनुष गले, में पुष्प माला, हम दास इनके, ये सबके स्वामी, अन्जान हम ये अन्तरयामी, शीश झुकाओ राम-गुन गाओ, बोलो जय विष्णु के अवतारी। राम जी की निकली सवारी, राम जी की
मेरे मन में है राम, मेरे तन में है राम। मेरे नैनो की नगरिया में राम है॥ ◾️ मेरे रोम रोम के है राम ही रमिया, साँसों के स्वामी, मेरी नैया के खिवैया। कण कण में हैं राम, त्रिभुवन में हैं राम, नीले नभ की अटरिया में राम है॥ ◾️ जनम जनम का जिन से
राम को देख कर के जनक नंदिनी, बाग़ में वो खड़ी की खड़ी रह गयी। राम देखे सिया को सिया राम को, चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी॥ ◾️ यज्ञ रक्षा में जा कर के मुनिवर के संग, ले धनुष दानवो को लगे काटने। एक ही बाण में ताड़का राक्षसी, गिर जमी पर पड़ी
राम के भजने से बेडा पार है, राम के भजने से बेडा पार है, बिन भजन के ये जनम बेकार है, बिन भजन के ये जनम बेकार है, राम के भजने से बेडा पार है, राम के भजने से बेडा पार है, ◾️ ये मानुष सुन्दर जनम तुझको मिला ये मानुष सुन्दर जनम तुझको मिला
मेरी छोटी सी है नाव, तेरे जादू भरे पॉंव, मोहे डर लागे राम, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में, तुम हो सबके तारणहार, कर दो मेरा बेड़ा पार, सुनो मेरे सरकार, मैं कैसे बिठाऊँ मेरी नॉंव में।। ◾️ इक पत्थर से बन गई नारी, लकडी की है नाव हमारी, चलता उससे रोजगार, पालूँ मेरा परिवार,
राम का सुमिरन किया करो, प्रभु के सहारे जिया करो जो दुनिया का मालिक है, नाम उसी का लिया करो राम का सिमरन किया करो, प्रभु के सहारे जिया करो जो दुनिया का मालिक है, नाम उसी का लिया करो राम का सिमरन किया करो, प्रभु के सहारे जिया करो (जो दुनिया का मालिक है,
राम का गुणगान करिये, राम का गुणगान करिये। राम प्रभु की भद्रता का, सभ्यता का ध्यान धरिये॥ ◾️ राम के गुण गुणचिरंतन, राम गुण सुमिरन रतन धन। मनुजता को कर विभूषित, मनुज को धनवान करिये, ध्यान धरिये॥ ◾️ सगुण ब्रह्म स्वरुप सुन्दर, सुजन रंजन रूप सुखकर। राम आत्माराम, आत्माराम का सम्मान करिये, ध्यान धरिये॥
राम कहानी सुनो रे राम कहानी कहत सुनत आवे आँखों में पानी श्री राम जय जय राम ◾️ दशरथ के राज दुलारे, कौशल्या की आँख के तारे वे सूर्य वंश के सूरज, वे रघुकुल के उज्जयारे राजीव नयन बोलें मधुभरी वाणी राम कहानी सुनो रे राम कहानी ◾️ शिव धनुष भंग प्रभु करके, ले आए
राम कहने से तर जाएगा, पार भव से उत्तर जायेगा। ◾️ उस गली होगी चर्चा तेरी, जिस गली से गुजर जायेगा। राम कहने से तर जाएगा… ◾️ बड़ी मुश्किल से नर तन मिला, कल ना जाने किधर जाएगा। राम कहने से तर जाएगा… ◾️ अपना दामन तो फैला ज़रा, कोई दातार भर जाएगा। राम कहने