Tag: Prakash Mali

जय धरती माँ, जय गौ माताVerified Lyrics 

जय धरती माँ, जय गौ माता, गूंज रहा है मंत्र महान्। सुखद सुमंगल विश्व कामना, जीव मात्र का हो कल्याण। जय धरती माँ, जय गौ माता। गौ की सेवा स्वयं प्रभु भी, करके कहलाये गोपाल। हल को धारे चले तपस्वी, युग – युग से धरती के लाल। माँ सृष्टि से पावन नाता, आनन्दित करते रसपान।

म्हारों सावरियों बनवारी, बण पचरंग पैचाधारी,verified 

मरुधर में जोत जगाय गयो Doha :- रामा कन्हू के रामदेव, हीरा कहूं के लाल। जाने मिल्या बाबो रामदेव, तो बाना किन्हा निहाल। रामा स्यामा आवजो, कलजुग भयो करुर। में अरज करू अजमालरा, तो महारो हेलो सुन्ज्जो जरूर। बोलो रामसा पीर की जय।   म्हारों सावरियों बनवारी, बण पचरंग पैचाधारी, भगतां रै कारण, अजमल घर

गेरी-गेरी बिरखा भाया, थे पाछा कैया जावोVerified Lyrics 

गेरी-गेरी बिरखा भाया, थे पाछा कैया जावो, म्हाने साँची-साँची, बात बतावो जियो। खम्मा खम्मा खम्मा रे, कंवर अजमाल रा, रुणिचे रा राजा, हेलो साम्भलो जियो। खम्मा खम्मा खम्मा रे, कंवर अजमाल रा॥ थे तो अजमल जी बीरा, बांजिया कहिजो, म्हारा सुगन ख़राब, घना होवे जियो। खम्मा खम्मा खम्मा रे, कंवर अजमाल रा, घणी घणी खम्मा

मैं तो अरज करू गुरु थानेVerified Lyrics 

मैं तो अरज करू गुरु थाने, चरणा में राखजो माने, हेलो तख्त देवू की थाने, म्हारी लाज शर्म सब थाने। मैं तो अरज करू गुरु थाने, चरणा में राखजो माने। गुरु मात पिता सुख दाता, सब स्वारथ का है नाता, एक तारण तिरण गुरु दाता, ज्यारा चार वेध्द जस गाता। मैं तो अरज करू गुरु

म्हारा राम रघुनाथ, इतरो वर तो दीजोVerified Lyrics 

दोहा राम गरीब नवाज हो, पथ के राखन हार, पथ राखी प्रहलाद की, गज की सुनी पुकार। म्हारा राम रघुनाथ, म्हारा राम रघुनाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ।। आतुनो तो खेत दीजो, बिच में दीजो नाडी नाडी-२ अरे घरवाली ने छोरो दीजो,

पिछम धरां सूं म्हारां पीर जी पधारियाँVerified Lyrics 

चार खूंट और चौदह भवन में हो रही जय जयकार जग मग जग मग जोतां जागे, जय हो नेजा थारी, पिछम धरां सूं म्हारां पीर जी पधारियाँ, पिछम धरां सूं म्हारां बाप जी पधारिया, घर अजमल अवतार लियो, लाछां सुगणा उतारे हरी री आरती, हरजी रे भाटी चँवर ढोळे, बैकुण्ठा में बाबा होवे थारी आरती।

मैं थाने सिवरू गजानन देवा

मैं थाने सिवरू गजानन देवा, वचनों रा पालनहारा जी ओ।। श्लोक – सुंडाला दुःख भंजना, सदा जो वालक वेश, सारों पहले सुमरिये, गवरी नन्द गणेश। मैं थाने सिवरू गजानन देवा, वचनों रा पालनहारा जी ओ, सरस्वती मात शारदा ने सिवरू, हिरदे करो नी उजियाला जी ओ, निन्दरा निवारू भोलेनाथ ने, निन्दरा निवारू भोलेनाथ ने।। जननी

कौन है वो कौन है वो कहाँ से वो आया।

कौन है वो कौन है वो, कहाँ से वो आया, चारों दिशाओ में तेज़ सा वो छाया, उसकी भुजाएं बदले कथाएँ, भागीरथी तेरी तरफ शिव जी चले, देख जरा ये विचित्र माया।। ◾️जटा कटाह संभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी, विलोलवीचि वल्लरी विराजमान मूर्धनि, धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके, किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम। कौन है

रखवाला प्रतिपाला मेरा लाल लंगोटे वाला कदम कदम पर रक्षा करता

रखवाला प्रतिपाला मेरा लाल लंगोटे वाला कदम कदम पर रक्षा करता कदम कदम पर रक्षा करता घर घर करे उजाला रखवाला प्रतिपाला मेरा लाल लंगोटे वाला।। ◾️निशदिन तेरा ध्यान लगाऊं जपूँ आपकी माला धुप दिप नित ज्योत जगाऊँ धुप दिप नित ज्योत जगाऊँ पड़े ना यम से पाला रखवाला प्रति-पाला मेरा लाल लंगोटे वाला।। ◾️मन

बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला पाँव में घुंगरू बांध के नाचे जपे राम की माला

बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला पाँव में घुंगरू बांध के नाचे जपे राम की माला बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला।। ◾️ सिया राम ही राम पुकारे हनुमत जाए असुर सब मारे सीता की सुध लेने खातिर सीता की सुध लेने खातिर क्या से क्या कर डाला बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला। पाँव