जय धरती माँ, जय गौ माता, गूंज रहा है मंत्र महान्। सुखद सुमंगल विश्व कामना, जीव मात्र का हो कल्याण। जय धरती माँ, जय गौ माता। गौ की सेवा स्वयं प्रभु भी, करके कहलाये गोपाल। हल को धारे चले तपस्वी, युग – युग से धरती के लाल। माँ सृष्टि से पावन नाता, आनन्दित करते रसपान।
मरुधर में जोत जगाय गयो Doha :- रामा कन्हू के रामदेव, हीरा कहूं के लाल। जाने मिल्या बाबो रामदेव, तो बाना किन्हा निहाल। रामा स्यामा आवजो, कलजुग भयो करुर। में अरज करू अजमालरा, तो महारो हेलो सुन्ज्जो जरूर। बोलो रामसा पीर की जय। म्हारों सावरियों बनवारी, बण पचरंग पैचाधारी, भगतां रै कारण, अजमल घर
मैं तो अरज करू गुरु थाने, चरणा में राखजो माने, हेलो तख्त देवू की थाने, म्हारी लाज शर्म सब थाने। मैं तो अरज करू गुरु थाने, चरणा में राखजो माने। गुरु मात पिता सुख दाता, सब स्वारथ का है नाता, एक तारण तिरण गुरु दाता, ज्यारा चार वेध्द जस गाता। मैं तो अरज करू गुरु
दोहा राम गरीब नवाज हो, पथ के राखन हार, पथ राखी प्रहलाद की, गज की सुनी पुकार। म्हारा राम रघुनाथ, म्हारा राम रघुनाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ।। आतुनो तो खेत दीजो, बिच में दीजो नाडी नाडी-२ अरे घरवाली ने छोरो दीजो,
चार खूंट और चौदह भवन में हो रही जय जयकार जग मग जग मग जोतां जागे, जय हो नेजा थारी, पिछम धरां सूं म्हारां पीर जी पधारियाँ, पिछम धरां सूं म्हारां बाप जी पधारिया, घर अजमल अवतार लियो, लाछां सुगणा उतारे हरी री आरती, हरजी रे भाटी चँवर ढोळे, बैकुण्ठा में बाबा होवे थारी आरती।
रखवाला प्रतिपाला मेरा लाल लंगोटे वाला कदम कदम पर रक्षा करता कदम कदम पर रक्षा करता घर घर करे उजाला रखवाला प्रतिपाला मेरा लाल लंगोटे वाला।। ◾️निशदिन तेरा ध्यान लगाऊं जपूँ आपकी माला धुप दिप नित ज्योत जगाऊँ धुप दिप नित ज्योत जगाऊँ पड़े ना यम से पाला रखवाला प्रति-पाला मेरा लाल लंगोटे वाला।। ◾️मन
बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला पाँव में घुंगरू बांध के नाचे जपे राम की माला बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला।। ◾️ सिया राम ही राम पुकारे हनुमत जाए असुर सब मारे सीता की सुध लेने खातिर सीता की सुध लेने खातिर क्या से क्या कर डाला बजरंग बाला जय हो बजरंग बाला। पाँव