तुम्ही श्याम अपने, सगरे पराए, काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए। कहते थे खुद को, जीवन के संगी, बदले जमाना, बदलेंगे ना कभी, भागे जो रैन भागे, सूरज उगाए। काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए, तुम्ही श्याम अपने, सगरे पराए, काम पड़ा तो, तुम्ही काम आए। दुनिया के मेले में, तुमको भूलाया, कभी नाम तेरा,
आया में आया बाबा में तो आया-२ तुझे अपना हाल दिखने सोई तकदीर जगाने -२ तुझे अपना श्याम बनाने तुझे दिल से श्याम रिझाने, आया में आया बाबा में तो… कहते है लोग तुझे लखदातारी, खाटू के श्याम बाबा संकटहारी, मरे संकट दूर भगा दे मुरझाये फूल खिलादे-२ रोते को श्याम हसा दे प्रभु प्रेम
बिगड़ी मेरी बना दो, दुःख दर्द सब मिटा दो, दुःख सब के हरने वाले। मेरे बाबा भोले भाले, मेरे शम्भू भोले भाले-२ बिगड़ी मेरी बना दो। कोई भूल हो गयी हो, मेरे स्वामी माफ़ करना, कोई भूल हो गयी हो। सेवक हैं हम तो तेरे, तुम दाता हो हमारे-२ बिगड़ी मेरी बना दो। दुःख संकटों
तारा है सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो, हम को भी तारो श्याम, हम को भी तारो, तारा हैं सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो। हम ने सुना है श्याम, मीरा को तारा, वीणा का कर के बहाना, श्याम हम को भी तारो, तारा हैं सारा जमाना, श्याम हम को भी तारो। हमने
कुछ पल की ज़िन्दगानी, इक रोज़ सबको जाना, बरसों की तु क्यू सोचे, पल का नही ठिकाना॥ कुछ पल की ज़िन्दगानी, इक रोज़ सबको जाना, बरसों की तु क्यू सोचे, पल का नही ठिकाना॥ मल मल के तुने अपने, तन को जो है निखारा, इत्रो की खुशबुओं से, महके शरीर सारा। काया ना साथ होगी,
कलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊं तो मैं कहां जाऊं, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहां से लाऊं। दशरथ कौशल्या जैसे, मात पिता अब भी मिल जाये, पर राम सा पुत्र मिले ना, जो आज्ञा ले वन जाये, भरत लखन से भाई, ढूंढ कहाँ अब मैं लाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा,
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा-२ श्याम सुंदर मुख चंदा, भजो रे मन गोविंदा-२ नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा। तूं ही नटवर तूं ही नागर-२ तूं ही बाल गोविन्दा, भजो रे मन गोविंदा-२ नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा। सब देवन में कृष्ण बड़े हैं-२ ज्यों तारा विच चंदा, भजो रे
पर्वत की चोटी, चोटी पे ज्योति, ज्योति दिन रात जलती है, हो… झिलमिल सितारों की, ओढ़े चुनर माँ, शेर पे सवार मिलती है, ज्योति दिन रात जलती है। लाल चुनरिया, लाल घगरिया, माँ के मन भाए, लाल लांगुरिया, लाल ध्वजा, मईया की लहराए, करे नजरिया, जिसपे मईया, भाग्य चमक जाए, है इतनी भोली, भरती है
कैलाशपति संग लेके सती, मेरी नैया पार लगा जाना, इतनी विनती है ब्रम्ह्जति, गलती को मति तुम चित लाना॥ ◾️तुम ही हो पिता तुम ही माता, मै हूँ आचक तुम हो दाता, सेवक स्वामी का ये नाता, मेरे दाता आज निभा जाना, कैलाशपति संग लेके सती, मेरी नैया पार लगा जाना, इतनी विनती है ब्रम्ह्जति,
जय जय माँ, जय जय माँ, जय जय माँ, जय जय माँ… चिठ्ठी आई है, आई है, चिठ्ठी आई है, चिठ्ठी आई है, मैया की चिठ्ठी आई है, चिठ्ठी आई है, कटरा से चिठ्ठी आई है, बड़े दिनों के बाद, इस निर्धन की फरियाद, संदेसा माँ का लायी है। चिठ्ठी आई है, मैया की चिठ्ठी