तू ही हमारा एक सहारा, तू ही है नैया मेरी, तू ही किनारा।। देखूं तुम्हे तो चैन आए, तेरे बिन हमको कुछ ना भाए, हरपल जुबा ये मेरी नाम तेरा गाए, तुमसे ही चलता मेरा गुजारा, तू ही है नैया मेरी तू ही किनारा।। सागर है तू तेरे साथ बहेंगे, तू है मेरा तेरे होके
रोये जो श्याम का प्रेमी, उसे श्याम ही धीर बँधाए, जिसे सांवरिया ही रुलाए, उसे कौन कौन हंसाए, उसे कौन कौन हंसाए।। दौलत शोहरत मत मांगो, बस मांगो साथ प्रभु का, कैसी भी कोई घडी हो, हो सर पे हाथ प्रभु का, जो प्रेमी राह से भटके, प्रभु मंजिल तक पहुंचाए, जो प्रभु से हाथ
तेरी कृपा का है ये असर सांवरे, मेरी पहचान है अब तेरे नाम से, लोग कुछ भी कहें मुझको परवाह नहीं, जीवन जीते हैं हम तो बड़े शान से, तेरी किरपा का है ये असर सांवरे, मेरी पहचान है अब तेरे नाम से।। ऐसे मुश्किल भरे मेरे हालात थे, दिल के दरवाज़ों में बंद जज़्बात
तूने खूब दिया सब भक्तों को, अब आज हमारी बारी है, अब आज हमारी बारी है, अब आज हमारी बारी है। थोड़ा-थोड़ा देने से काम ना चले, मुझको तो आज जी भर के मिले बहुत दिनों इन्तजार किया बाबा ने मांगने का मौका दिया ये सोच ले तू, ये जान ले तू, अब आज हमारी…
कृपा का रखना, सर पे मेरे हाथ सांवरे, होती रहे यूँ ही-३, ये मुलाकात सांवरे।। जबसे मिला तेरा दरबार, होती नहीं कोई दरकार, जो चाहूँ वो मिल जाता, ऐसा मिला मुझको दाता, होती रहे तेरी-३, ये करामात सांवरे….हाथ सांवरे।। याद मुझे वो दिन आते, गम की सुबह और रातें, गैरों की क्या बात करूँ, मेरे
हारे का तू है सहारा साँवरे हमने भी तुम को पुकारा साँवरे नहीं और सहा जाये, हम बोल कहाँ जाये हारे का तू है सहारा साँवरे हमें अपनी आँखों से दूर नहीं करना हम रो पड़ेंगे, मजबूर नहीं करना अपनों के सताए है, तेरी शरण में आये हैं हारे का तू है……………………।।1।। हम है कितने
लिखने वाले ने लिख डाला, मिटा ना कोई पाया। बिगड़ी बनाने वाले बाबा, तेरी शरण में आया ।। राजाओं के राज हो तुम, भीख माँगने वाले हैं हम। देने वाला ये ना सोचे, माँगने कौन है आया।। बिगड़ी बनाने वाले……………….।।1।। किसकी लाऊँ बाबा सिफारिस, मेरी तुमसे यही है गुजारिस। तेरा दर अब आखिरी दर है,
बात है श्याम की श्याम के धाम की जब खबर कोई लाया मजा आ गया क्या बातउ तुझे सँवारे ने मुझे भेज कर खत भूल्या मजा आ गया जी मजा आ गया खुशबु-ए-इतर की मित्र के खत में है सँवारे की किरपा मेरी किस्मत में है झूम उठा दिल ये तब मेरी आँखों ने जब
जीवन की ये बगिया मेरे श्याम ने ही है खिलाई, हर सुख दुख में मुझको पड़ता ये ही दिखाई, जब जब मेरा मन घबराता मुझे कुछ भी समझ नही आता, अपनो को में ना सुहाता उनपे में बोझ बन जाता, आता है श्याम मेरा आता है, आकर मुझे गले लगता है, जब जब मेरा मन
जब से नाम लिया है तेरा जुड़ गया तार से तार बदल गया दुनिया का नजरिया बदल गया संसार श्याम दिन फिर गए मेरे कुछ भी नहीं था पास में मेरे हार के आया बाबा पास में तेरे हारे का साथी बनकरके किया बहुत उपकार बदल गया दुनिया का नजरिया बदल गया संसार श्याम दिन