Tag: Ganpati Bhajan

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है

गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है। – श्लोक – प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात, मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ॥ गजानंद महाराज पधारो, कीर्तन की तैयारी है, आओ आओ बेगा आओ, चाव दरस को भारी है।। थे आवो ज़द काम बणेला, था पर म्हारी बाजी है, रणत भंवर गढ़

परमेश्वर प्रथमेशा गजानन जगदीशा

परमेश्वर प्रथमेशा गजानन जगदीशा नमितो तुज आदी देवा हृदयांच्या हे नरेशा एकदंत लंबोदर, कटीस शुभ पितांबर अति पावन, अति सुंदर, तव स्वरूप हे गणेशा विघ्नेश्वर तू विधाता अनुरागी तू अनंता करुणाकर तू कृपाळा, वरदरूप विद्याधीशा

गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है

गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है, गजानंद नाव मेरी पड़ी मजधार है, तू ही खिवैया जग का तू ही पतवार है, गजानन्द नाव मेरी पड़ी मजधार है।। तुम ही रिद्धि सिद्धि के दाता, गजानंद पार करना, नाव है बिच भंवर में, मेरा उद्धार करना, अब तो तेरे भरोसे हो ओ ओ, मेरा परिवार है, गजानन्द

गजानंद तुम्हारे चरणों में

गजानंद तुम्हारे चरणों में, एक प्रेम पुजारी आया है, गजानंद तुम्हारे चरणों में, एक प्रेम पुजारी आया है, एक प्रेम पुजारी आया है, तेरे द्वार भिखारी आया है।। मेरे हाथो में फूलो की माला है, ये तुझे पहनाने आया है, गजानंद तुम्हारे चरणो में, एक प्रेम पुजारी आया है।। मेरे हाथो में जल का लौटा

गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप किया

गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप किया, ऐसे पुजारी का स्वयं तुमने सिध्द मनोरथ आप किया॥ तुझ चरणों की ओर लगन से, जो साधक बन जाता है, सौ क़दम तु चलके दाता, उसको गले लगाता है, अंतरमन के भाव समझ के, काज सदा चुपचाप किया, गजमुख धारी जिसने तेरा सच्चे मन से जाप

कब आओगे प्रभु घर मेरे

कब आओगे प्रभु घर मेरे, तेरी पुजारिन रस्ता देखे कब आओगे प्रभु घर मेरे-2॥ कब आओगे … खड़ी – खड़ी रोज मैँ बाट निहारूँ। बिछाके आसन नित अंगना बुहारूँ॥ चुन-चुनके फूल राह मेँ बिछाये प्यारे-प्यारे॥1॥ कब आओगे प्रभु … कुटिया मेरी चरणोँ से पावन करदो। भक्ति ज्ञान मेरे उर मेँ भर दो॥ भूले क्योँ दासी

ओ संसार बनाने वाले, तेरे जलवे अजब निराले

ओ संसार बनाने वाले, तेरे जलवे अजब निराले खूब कमाल किया है तूने सब को अचरज में है डाले ओ संसार बनाने वाले……… आसमान पर पानी का कहीं मिलता निशां नहीं, मिलता निशान नहीं है, पल में तेरी माया बदले फिर अनुमान नहीं है, फिर अनुमान नहीं है, आए बादल काले –पीले, उमड़ –घुमड़ कर

ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे

श्लोक – विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय, लम्बोदराय सकलाय जगत हिताय, नागाननाय श्रुतियज्ञभूषिताय, गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते।। ओ मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे, भोले बाबा जी की आँखों के तारे, देवा सभा बीच में आ जाना_आ जाना मेरे लाड़ले गणेश प्यारे प्यारे।। तेरी काया कँचन कँचन, किरणों का है जिसमे बसेरा, बाबा सूंड-सुंडाली मूरत, तेरी आँखों मे

ओ गणनायक महाराज

>> श्लोक << ॐ एकदंतम सुर्पकर्णम, गजवक्त्रम चतुर्भुजम, पांशकुश धरम देवम ध्यायेत, सिद्धिविनायकम।। ओ गणनायक महाराज, सुमिरा जोडू दोनों हाथ, गजानंद मैहर करो, गजानन मैहर करो।। एकदंत है दयावंत है, चारो भुजाओ वाले, एकदंत है दयावंत है, चारो भुजाओ वाले, लम्बोदर रिद्धि सिद्धि दाता, विघ्न मिटाने वाले, लम्बोदर रिद्धि सिद्धि दाता, विघ्न मिटाने वाले, लाये

आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके

आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके। आया हूँ तेरे द्वार पे मैँ सवाली बनके। मेरी झोली को तू भरना ऽऽऽ लखदातार बनके॥ आया हूँ … मेरे बाबा मेरे दाता मेरे संग मेँ सदा ही रहना। बदलेगी ये दुनिया पर तुम ना बदलना। नैया मेरी पार करना खेवनहार बनके॥1॥ मेरी झोली … आया हूँ