Tag: Ganpati Bhajan

गणपति पधारो ताता थैया करते

गणपति पधारो ताता थैया करते, ताता थैया करते, ठुमक ठुमक पग धरते, गणपति पधारो ताता थैया करते, आप के पधारने से बिगड़े काम संवरते, गणपति पधारो ताता थैया करते।। केवड़ा गुलाब जल से, खूब धोया आंगणा, चन्दन की चौकी ऊपर, मखमल का बिछोना, पार्वती लाला आकर, आसन लगाइये, रिद्धि और सिद्धि को भी, संग लेकर

गणपति जी गणेश नू मनाइये

गणपति जी गणेश नू मनाइये, सारे काम रास होणगे, हर काम नाल पहला ही धियाइये, सारे काम रास होणगे, गणपति जी गणेश नू ध्याइये, सारे काम रास होणगे, सारे काम रास होणगे।। गौरा माँ दा मान है गणपत, शिव जी दा वरदान है गणपत, पेहला लड्डूवा दा भोग लगाइये, सारे काम रास होणगे, गणपति जी

गणपति गजवदन विनायक, थाने प्रथम मनावा जी

गणपति गजवदन विनायक, थाने प्रथम मनावा जी, आना कानी मत ना करीयो, थारी किरपा चावा जी, गणपति गजवदन वीनायक, थाने प्रथम मनावा जी।। माथे मुकुट निरालो थाने, पार्वती का लाल कहावो, गणपति दुंद दुन्दाला है, रिद्धि सिद्धि थारे संग में सोहे, मूसे की असवारी है। गणपति गजवदन वीनायक, थाने प्रथम मनावा जी, आना कानी मत

गणपति आयो बापा रिद्धि सिद्धि लायो

गणपति आयो बापा, रिद्धि सिद्धि लायो, गजानंद आयो, रिद्धि सिद्धि लायो, गणपति आयो बापा, रिद्धि सिद्धि लायो, गजानंद आयो, रिद्धि सिद्धि लायो।। शिव जी नो बाल आयो, उमिया नो लाल आयो, आयो रे आयो बाबो, लम्बोदर आयो, गणपति आयो बाबो, रिद्धि सिद्धि लायो, निर्भय वाला थे तो, नाम सुणायो, गजानंद आयो, एकदन्त आयो, गजानंद आयो,

गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि

गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि, गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि, गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि, एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि, गजेशानाय भालचन्द्राय श्रीगणेशाय धीमहि॥ गानचतुराय गानप्राणाय गानान्तरात्मने, गानोत्सुकाय गानमत्ताय गानोत्सुकमनसे, गुरुपूजिताय गुरुदेवताय गुरुकुलस्थायिने, गुरुविक्रमाय गुह्यप्रवराय गुरवे गुणगुरवे, गुरुदैत्यगलच्छेत्रे गुरुधर्मसदाराध्याय, गुरुपुत्रपरित्रात्रे गुरुपाखण्डखण्डकाय, गीतसाराय गीततत्त्वाय गीतगोत्राय धीमहि, गूढगुल्फाय गन्धमत्ताय गोजयप्रदाय धीमहि, गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि, एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि, गजेशानाय भालचन्द्राय

गजानन पूरण काज करो

गजानन पूरण काज करो, सफल हमारा ये आयोजन, हे महाराज करो, गजानन पूरण काज करो।। श्लोक – मंगल करदे, अमंगल को, ख़तम कर दे, हर दंगल को, जहाँ हो स्वागत, श्री गणपति का, मंगल बना दे वो, जंगल को। गजानन पूरण काज करो, सफल हमारा ये आयोजन, सफल हमारा ये आयोजन, हे महाराज करो, गजानन

गजानन पधारो, गजानन पधारो

गजानन पधारो, गजानन पधारो गजानन पधारो, गजानन पधारो हम भक्तो का स्नेह निमंत्रण, श्रद्धा भाव से तुम्हे आमंत्रण, हे देवा स्वीकारो गजानन पधारो, गजानन पधारो गजानन पधारो, गजानन पधारो आज पधारो गणपति, रखो हमारी लाज मंगल दाता गणपति, मंगल कर दो काज भक्तो के रखवारे प्रभुवर, सारे काज सँवारो गजानन पधारो, गजानन पधारो गजानन पधारो,

गजानन कर दो बेडा पार आज हम तुम्हे मनाते हैं

गजानन कर दो बेडा पार, आज हम तुम्हे मनाते हैं, तुम्हे मनाते हैं, गजानन तुम्हे मनाते हैं।। सबसे पहले तुम्हें मनावें, सभा बीच में तुम्हें बुलावें, सभा बीच में तुम्हें बुलावें है, गजानन कर दो बेडा पार, आज हम तुम्हे मनाते हैं।। आओ पार्वती के लाला, मूषक वाहन सूंड सुन्दाला, मूषक वाहन सूंड सुन्दाला, गजानंद

गजानंद सरकार पधारो

गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है आवो आवो बेगा आवो, चाव दरश को भारी है गजानंद सरकार पधारो कीर्तन की तैयारी है॥ थे आवो जद काम बणेला था पर सारी बाजी है॥ रणक भँवर गढ़ वाला सुणले चिंता म्हाने लागी है देर करो ना अब दरशाओ चरणा म अर्ज हमारी है। गजानंद सरकार पधारो

गजानंद वंदन करते है

गजानंद वंदन करते है, आज सभा में स्वागत है, अभिनंदन करते है, गजानंद वंदन करते है, गजानंद वंदन करते है, वंदन करते है, आज, अभिनंदन करते है, वंदन करते है, आज, अभिनंदन करते है, गजानंद वंदन करते है, गजानंद वंदन करते है।। देव तुमसा ना दूजा, प्रथम हो तेरी पूजा, नाम तेरे का डंका, आज