मैंने, सब कुछ पाया दाती, तेरा दर्शन पाना, बाकी है। मेरे, घर में कोई कमी नहीं, बस तेरा आना, बाकी है। मैंने, सब कुछ पाया दाती… जो, मेरे घर में, आओ माँ, मेरा घर तीर्थ, बन जाएगा। मैं, भी तर जाऊँगा मईया, जो आएगा, तर जायेगा। इज़्ज़त शोहरत, दौलत तो मिली, मेहरों का खज़ाना, बाकी
ओ मैया तेरे दरबार, ओ मैया तेरे दीदार को मैं आऊंगा। कभी न फिर न जाऊंगा, भेजा है बुलावा तूने शेरावालिये-2 शेरावालिये नी माता जोतावालिये, रे सांचिये जोतावालिये लाटावालिये, तेरे ही दर के हैं हम तो भिखारी, जाएँ कहाँ ये दर छोड़ के हाँ छोड़ के। ओह्ह्ह तेरे ही संग बाँधी भक्तों ने डोरी, सारे
हाथ जोड़ के खड़ी हूँ तेरे द्वार मेरी माँ-२ पूरी कर दे मुरदे एक बार मेरी माँ, तेरी कंजके बिठाऊ, पूरी हलवा खिलाऊँ, तेरी ज्योत जगाऊँ, लाल चुनरी चढ़ाऊँ। माता रानिये, ओ माता रानिये-२ हाथ जोड़ के खड़ी हूँ तेरे द्वार मेरी माँ, पूरी कर दे मुरदे एक बार मेरी माँ तेरी कंजके बिठाऊ, पूरी
शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं दर तेरे, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ। पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे हाथ पकड़ ले, हाथ बढ़ा दे, अपने मंदिर तक पहुंचा दे हाथ पकड़
हो मैं परदेसी हूँ पहली बार आया हूँ, दर्शन करने मइया के दरबार आया हूँ, हो मैं परदेसी हूँ पहली बार आया हूँ, दर्शन करने मइया के दरबार आया हूँ। ऐ लाल चुनरिया वाली बेटी, ये तो बताओ माँ के भवन जाने का रास्ता किधर से है, इधर से है या उधर से सुन रे
मैं हूॅं दासी तेरी दातिए, सुन ले विनती मेरी दातिए, मैया जब तक जियु मैं सुहागन रहूॅं, मुझको इतना तू वरदान दे।। मेरा प्राणो से प्यारा पति, मुझसे बिछड़े न रूठे कभी, माता रानी से मेरी आयु लगे ये मनोकामना है मेरी, माँ तेरे लाल की मैं हूँ अर्धागनी, मैं हूँ दासी तेरी दातिए, सुन
तेरे दर को मैं छोड़ कहाँ जाऊँ, माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे॥ (चाहे छुट जाये ज़माना,या मालो -जर छूटे, ये महल और अटारी,या मेरा घर छूटे, पर कहता है ये लख्खा,ऐ मेरी माता, सब जगत छूटे,पर तेरा न द्वार छूटे) तेरे दर को मैं छोड़ कहाँ जाऊँ, माँ दूजा कोई द्वार ना दिखे, अपना
प्रेम से बोलो जय माता दी, मिलकर बोलो जय माता दी। सुन सुन कर माँ चर्चे तेरे, आया तेरे द्वार ज्योता वाली पूरी कर दे, दुखियारे मन की आवाज, जय माता दी जय माता दी, जो भी आया है तेरे द्वार ओ माता शेरावालिए, जो भी आया है तेरे द्वार ओ माता शेरावालिए तूने सब
सदा पापी से पापी को भी, तुम माँ भव-सिन्धु तारी हो फंसी मझधार में नैया को भी, पल में उभारी हो ना जाने कौन ऐसी भूल, मुझ से हो गयी मैया तुमने अपने इस बालक को माँ, मन से बिसारी हो बिगड़ी मेरी बना दे मैया जी मेरी मैया बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली
आजा माँ आजा माँ एक बार, मेरे घर आजा माँ, मैंने मन मंदिर में मैया, तेरी ज्योत जगाई। करके शेर सवारी, आजा इक बारी महामाई, आजा मां आजा मां एक बार, मेरे घर आजा माँ॥ मेरे सुने आँगन में माँ, खुशियाँ तू बरसा दे, करुणामई ऐ जगदम्बे माँ, सोया भाग जगा दे। मैंने सारी दुनिया