श्याम से श्यामा बोली, चलो खेलेंगे होली। श्याम से श्यामा बोली, चलो खेलेंगे होली।। बाग़ है यह अलबेला, लगा कुंजो में मेला-2 हर कोई नाचे गाये, रहे कोई ना अकेला-2 झूम कर सब ये बोलो, हर बरस आये यह होली-2 चलो खेलेंगे होली, चलो खेलेंगे होली-2 श्याम से श्यामा बोली, चलो खेलेंगे होली-2 कभी वृन्दावन
श्लोक – सदा भवानी दाहिनी, सनमुख रहे गणेश, पांच देव रक्षा करे, ब्रम्हा विष्णु महेश।। रमक झमक कर आवो गजानन, रमक-झमक कर आवो गजानन।। आप भी आवो देवा रिद्धि रिद्धि लावो, आप भी आवो देवा रिद्धि सिद्धि लावो, सभा में रंग बरसावो गजानन, रमक-झमक कर आवो गजानन।। सूंड सूंडालो बाबो दुंद दूंदालो, सूंड सूंडालो बाबो
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा हारावाला मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा प्यारा ◾️ वेख वेख के नैन ना राजदे, गल करन नहीं देंदा इस छलिये दिल ऐसा लुटेया, कम करण नहीं दिंदा मेरी होश भुला गया नी सहेलियो मेरा हारा वाला ◾️ मुख दे इसदे नूर चमकदा दर्शन करे खुदाई
देखा करो ना सांवरे हमको यूँ प्यार से हम तो हुए हैं बावरे नज़रों की मार से ◾️ खंजर बनी है सांवरे बांकी अदा तेरी जी भर के देखा तो बता कैसी खता मेरी घायल सा कर दिया मुझे इसके तो वार से देखा करो ना सांवरे… ◾️ चित्तवन तुम्हारी क्या कहें, मस्ती बरस रही
हरि नाम का प्याला ज़रा पीजिये, फिर हरि हरि, हरि हरि, हरि हरि ही कीजिये ◾️ मेरा नन्द गोपाला, हरि हरि मेरा बंसरी वाला, हरि हरि मेरा मोहन कला, हरि हरि मेरा दीनदयाला, हरि हरि ◾️ हरि को भजे सो हरि का होए, हरि सम दूजा और ना कोई । डोरी साँसों की उसे सौंपिए,
मुझे ऐसी लगानिया लगा दे, मैं तेरे बिना पल ना रहूँ ◾️ सामने बैठे रहो, दिल को करार आएगा जितना देखेंगे तुम्हे उतना प्यार आएगा दिल मे प्यार वाला दीप जला दे, मैं तेरे बिना पल ना रहूँ… ◾️ जैसे जल बिन मछली जी ना पाए ऐसे ही तड़पुं मैं तेरे लिए श्याम अपनी प्यारी
मैं चिठिया लिख लिख हारी, कब आओगे बांके बिहारी नाथ कब आओगे, श्याम कब आओगे ◾️ पहले जै श्री श्याम लिखा है फिर चरणों में प्रणाम लिखा है मैंने चिठियों में चिठिया डाली नाथ कब आओगे… ◾️ दूजी चिठ्ठी में यह लिख डाला घर आओ नन्द के लाला तेरे भगतो ने बाट निहारी नाथ कब
हरे कृष्णा कृष्णा बोल, राधे राधे राधे बोल॥ हरे कृष्णा कृष्णा बोल, राधे राधे राधे बोल॥ तेरी मुरली की धुन सुनने, मैं बरसाने से आई हूँ। मैं बरसाने से आई हूँ, मैं वृषभानु की जाई हूँ। ◾️ अरे रसिया, ओ मन बसिया, मैं इतनी दूर से आयी हूँ॥ तेरी मुरली की धुन सुनने, मैं बरसाने