म्हारी हालो ये रेल भवानीVerified Lyrics 

Mhari Halo Re Rail Bhawani

म्हारी हालो ये रेल भवानी
सतगुरु जी के चला देश(2)
म्हारी हालो ये…

जब हुई टिकट की त्यारी
म्हारा सतगुरु खोली बारी,
इमे बैठ सभी नर नारी सुमरला देव गणेश।
म्हारी हालो ये…

इंजन न मारी सिटी
म्हारा सतगुरु बंगा टीटी,
आ दुनिया रेगी रीति,
जाका चड़ ग्या भरम कलेश।
म्हारी हालो ये…

आ हरियल झंडी हाली
म्हारी रेल डगमग चाली,
आ पांच कोस पर घाली
जद हुया ज्ञान उपदेश।
म्हारी हालो ये…

ए सुखिराम अभिलासी
बे अमरापुर का वासी,
बाको फेर जनम नहीं आसी,
जाका सच्चा नित उपदेश।
म्हारी हालो ये…

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