Singer Name : singer : नितेश कुमारकान्हा को भावे भक्ति, भक्ति से मिले शक्ति… जग करो अब युक्ति, हरि नाम से मिलती मुक्ति… हरि नाम से मिलती मुक्ति… सुख चाहे तो कान्हा को मना ले…२ प्रभू चरणों में मन को लगा ले..२ भव सागर से नैया पार लगा ले…२ अब प्रभू का कीर्तन गा ले…२
Singer Name : singer : L. Nitesh Kumarसृष्टि ने गुण है गाया, अयोध्या जिनका धाम रे …2 जो हनुमत के हृदय में समाए, कण-कण में विराजमान रे… सुख जिनसे बरसे, मोक्ष मिले जिनसे। ऐसे प्रभू मेरे राम, तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम..2 करुणा के दाता हैं जो, करते सदा सबका कल्याण ऋषि, मुनि, योगी, ध्यानी, जपते हैं
दोहा राम गरीब नवाज हो, पथ के राखन हार, पथ राखी प्रहलाद की, गज की सुनी पुकार। म्हारा राम रघुनाथ, म्हारा राम रघुनाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ, इतरो वर तो दीजो म्हाने, नित उठ जोडु हाथ।। आतुनो तो खेत दीजो, बिच में दीजो नाडी नाडी-२ अरे घरवाली ने छोरो दीजो,
जटाधार शिव जटाधार, भोला भंडारी जटाधार, जटा में जिस की गंग विराजे, तेज है माथे चंदा साजे, कान में जिसके कुण्डल साजे, वो करता करता… जटाधार जटाधार शिव जटाधार, भोला भंडारी जटाधार ॐ शिव… गौरा जिसकी जन्मो से दासी, वो भोला है घट घट वासी, जिसके लिए जगत है झांकी, सृष्टि का आधार… जटाधार शिव
जय जय जय जयकार बोलो बोलो शनि देव की जय, आप शनि हो न्याय के स्वामी करते न्याय हो, जैसा कर्म करे कोई स्वामी वैसा ही देते हो फल हो नाये के देवता जय जय जय जैकार बोलो, बोलो शनि देव की जय, माता छाया सूर्ये पिता है, बेहना यमुना ताप्ती, जिस पर आप किरपा
अजमल जी रा कंवरा, भूलूं ना एक घड़ी। महाराज कंवर ने, भूलूं ना एक घड़ी। भूलूं ना एक घड़ी, भूलूं ना एक घड़ी। अजमल जी रा कंवरा भूलूं ना एक घड़ी॥ दूर देश रा बाबा, आवे थारे जातरी, दरगाह में भिड़ घणी-२ अजमल जी रा कंवरा, भूलूं ना एक घड़ी। महाराज कंवर ने, भूलूं ना
प्रभु राम का मैं हूँ, दीवाना मेरी भक्ति को प्रभु ने जाना, मुझे पल-पल हर पल याद प्रभु की आती है, प्रभु राम को माँ सीता की याद सताती है। कैसे मैं जाऊं लंका प्रभु विनती मैं करता हूँ, कैसी है वहा मेरी मैया मैं फरियाद करता हूँ, मैं सागर को पार करूँगा लंका का
हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं, सांज-सवेरे तेरे गुण गाउँ, प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी, हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी.. ये माटी का तन है
दोहा शिव समान दाता नहीं, विपत विदारण हार। लज्या मोरी राखियो, शिव नंदी के असवार॥ शिवजी रम रया पहाड़ा में, गौरा पार्वती के संग। पार्वती के संग शिव, पार्वती के संग॥ शीश पर थाके चाँद बिराजे, गले में सोहे भुजंग। मष्तिष्क पे थाकै जटा बीराजे, ज्यामे रेवे गंग॥ शिवजी रम रया पहाड़ा में… शेर खावे