मेरे श्याम बाबा सुनलो एक अरज ये मेरी, छोड के जाऊ जब मैं दुनिया, सांवरे पलक निहारू छवि तेरी। अन्तिम सांस हो जब सांवरिया, मुख से श्याम ही निकले, बुझ जाए दीपक जब जीवन का मेरे पाप मिटा दो, सारी बंदिशे मिटा दो तेरा धाम पाऊ जिंदगी घटा दो। कट दो कन्हैया मेरी, जनम जनम
डमरु-वाले बाबा तुमको आना होगा, डम डम डमरू बजाना होगा॥ डमरू वाले बाबा तुम्हको आना होगा, डम डम डमरू बजाना होगा। माँ गौरा संग गणपति जी को लाना होगा, डमरू वाले बाबा तुम्हको आना होगा॥ सावन के महीने में हम कावड लेके आएंगे, पावन गंगा जल से बाबा तुम को नहलाएंगे। कावड़ियों को पार लगाना
किसने सजाया खाटू वाले को, बनड़ा बनाया खाटू वाले को किसने सजाया खाटू वाले को। माथे लगाया, प्यारा चन्दन का टीका, चंदा भी जिसके आगे लागे फीका फीका, गजरा पहनाया, खाटू वाले को, बनड़ा बनाया खाटू वाले को किसने सजाया खाटू वाले को-(२) कारी मतवाली आँखें प्यारी प्यारी, भक्तों को घायल करती बन कर कटारी,
जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे, दुनियां में फिर से हम, दुनियां में फिर से हम, भगवां लहरायेंगे, यूपी में फिर से हम, भगवा लहरायेंगे॥ अयोध्या भी सजा दी है, काशी भी सजा दी है, मेरे श्याम कृपा कर दो, घनश्याम कृपा कर दो, मथुरा भी सजायेंगे, यूपी में फिर से हम, भगवा
।। दोहा ।। लाल लंगोटा हथ बनिया, मुख में नागर पान। लंका में वानर चले, श्री अंजनी सूत हनुमान। सीता माता की गोदी में, हनुमत डाली मूंदड़ी। सुनकर जामवंत कि बात , हनुमंत मारी एक छलांग। हिरदै ध्यान राम को राख। सागर कूद पड़े हनुमान। शीश पर राखी मुन्दडी। सीता माता की गोदी में, हनुमत
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा(२) हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा(२) बाल्मीक अति दीन हीन थे, बुरे कर्म में सदा लीं थे। करी रामायण तयार लेकर नाम तेरा, हो गए भव से पार… हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा(२) थे नल नील जाति के वानर, राम नाम लिख
दे दे थोड़ा प्यार मैया, तेरा क्या घट जायेगा, ये बालक भी तर जायेगा। दे दे थोड़ा प्यार… दे दिया तुमने, सबको सहारा माँ, जो द्वारे आया है, भर दिया दामन, उसका ख़ुशी से माँ, जो अर्जी लाया है, मुझको देने से, मुझको देने से खजाना, कम नही हो जायेगा। ये बालक भी तर जायेगा,