सुबह शाम आठो याम यहीं नाम लिए जा, खुश होंगे हनुमान राम राम किए जा। लिखा था राम नाम वो, पत्थर भी तर गए, किए राम से जो बैर, जीते जी वो मर गए, बस नाम का रसपान, ए इंसान किए जा। खुश होंगे हनुमान राम राम किए जा। राम नाम की धुन पे नाचे
न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी, जीवन सदा सफल हो मेरा ऐसा वर दो दाती। न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी, ये पाऊ मैं ये भी पाऊ और वो भी मिल जाये, लोभी मन की तृष्णा तो मिटे न लाख मिटाये। लोभ मोह से इस दुनिया में कोई नहीं बच पाया
बहना ने भाई की कलाई से(x2) प्यार बाँधा है प्यार के दो तार से संसार बाँधा है रेशम की डोरी से(x3) संसार बाँधा है बहना ने भाई की कलाई से प्यार बाँधा है प्यार के दो तार से संसार बाँधा है रेशम की डोरी से(x3) संसार बाँधा है सुंदरता में जो कन्हैया है ममता में
फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हज़ारों में मेरी बहना है, सारी उम्र हमें संग रहना है, फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हज़ारों में मेरी बहना है, सारी उम्र हमें संग रहना है, फूलों का तारों का सबका कहना है। जब से मेरी आँखों से हो गई तू दूर, तब
राखी धागों का त्यौहार(x2) बँधा हुवा इक इक धागे में भाई बहन का प्यार राखी धागों का त्यौहार(x2) कितना कोमल कितना सुन्दर भाई बहिन का नाता इस नाते को याद दिलाने यह त्यौहार हैं आता बहिन के मन की आशाएं राखी के यह टार राखी धागों का त्यौहार(x2) बहिन काहे मेरे वीर तुजे न बुरी
देखा फूलों को काँटों पे सोते हुए देखा तूफ़ाँ को कश्ती डुबोते हुए देख सकता हूँ मैं कुछ भी होते हुए नहीं मैं नहीं देख सकता तुझे रोते हुए(x2) देख सकता हूँ मैं कुछ भी होते हुए(x2) नहीं मैं नहीं देख सकता तुझे रोते हुए(x2) एक दिन बिगड़ी क़िस्मत सँवर जाएगी(x2) ये ख़ुशी हमसे बचकर
॥ दोहा ॥ बीरां म्हारा रामदेव, नेतल रा भरतार। आ सुगणा री वीणती, एकर लेवण आय॥ सुगणा रे ऊभी डागळिये, नेणां में ढळके नीर। लेवण आवो वीरा रामदेव, थे हो जग में पीर ॥ आवण – जावण कह गया रे, आई रे सावणियाँ री तीज, दर्शण प्यासी सुगणा बाई, होवे है आधीन॥ सुगणा रे ऊभी
रामामृत पद पावन वाणी, राम नाम धुन सुधा सामानी, पावन पाथ राम गन ग्राम, राम राम जप राम ही राम।। परम सत्य परम विज्ञान, ज्योति स्वरूप राम भगवान, परमानंद, सर्वशक्तिमान, राम परम है राम महान।। अमृत वाणी नाम उच्चाहरान, राम राम सुख सिद्धिकारण, अमृतवानी अमृत श्री नाम, राम राम मुद मंगल धाम।। अमृतरूप राम-गुण गान,
भगतो को दर्शन दे गयी रे, इक छोटी सी कन्या।।2।। भगतो को दर्शन दे गयी रे, इक छोटी सी कन्या।।2।। भगतो ने पूछा मैया नाम तेरा क्या है, भगतो ने पूछा मैया नाम तेरा क्या है, वैष्णो माँ बता गयी रे, इक छोटी सी कन्या। भगतो को दर्शन दे गयी रे, इक छोटी सी कन्या।।2।।
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम साँवरे की बंसी को बजने से काम राधा का भी श्याम वोतो मीरा का भी श्याम जमुना की लहरें बंसीबट की छैयां किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया श्याम का दीवाना तो सारा बृज धाम लोग करें मीरा को… कौन जाने बाँसुरिया