न मैं मांगू सोना, न मैं मांगू चाँदीVerified Lyrics 

Na Main Mangu Sona Na Main Mangu Chandi

न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी,
जीवन सदा सफल हो मेरा ऐसा वर दो दाती।
न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी,
ये पाऊ मैं ये भी पाऊ और वो भी मिल जाये,
लोभी मन की तृष्णा तो मिटे न लाख मिटाये।
लोभ मोह से इस दुनिया में कोई नहीं बच पाया है,
कितने जतन से मैया मैंने तेरा ध्यान लगाया है,
तेरे नाम की दौलत माता पल-पल मुझे लुभाती।
न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी…

तेरी ममता की शीतल छाया हो सर पे मेरे।
तेरे प्यार के दीपक करे उजाला सांझ-सवेरे।
तेरी दया हो अगर मैया में मोती की पहनू माला।
चोला तेरे नाम के रंग में मैया मैंने रंग डाला।
तेरी भक्ति में ही मैया मगन रहूँ दिन राति।
न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी…

तीन लोक की माता भेद तू सब के दिलो के जाने,
सच क्या है और झूठ है क्या माँ तू सब कुछ पहचाने,
बुरे भला जैसा भी हो सब को तूने अपनाया है।
इस धरती पर तेरी नज़र में कोई नहीं परया है।
युगो युगो से महिमा तेरी जग में गई जाती।
न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी…

जीवन सदा सफल हो मेरा ऐसा वरदान चाहती,
न मैं मांगू सोना न मैं मांगू चाँदी…

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