सदा पापी से पापी को भी, तुम माँ भव-सिन्धु तारी हो फंसी मझधार में नैया को भी, पल में उभारी हो ना जाने कौन ऐसी भूल, मुझ से हो गयी मैया तुमने अपने इस बालक को माँ, मन से बिसारी हो बिगड़ी मेरी बना दे मैया जी मेरी मैया बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली
माधव के हाथ में जादू कि छडी है, वाहे में जान मेरी अटकी पड़ी है – (2) साँझ ढले कदम तले तेरे कन्हइया, बंसी बजईया हो मेरा बंसी बजईया – (2) बाँकी है चितवन बाँकी है मुस्कान, बांके की बंसी छोड़े मर्म भेदी बाण फूक मरे जादू डारे दइया रे दइया रे बंसी बजईया हो
आजा माँ आजा माँ एक बार, मेरे घर आजा माँ, मैंने मन मंदिर में मैया, तेरी ज्योत जगाई। करके शेर सवारी, आजा इक बारी महामाई, आजा मां आजा मां एक बार, मेरे घर आजा माँ॥ मेरे सुने आँगन में माँ, खुशियाँ तू बरसा दे, करुणामई ऐ जगदम्बे माँ, सोया भाग जगा दे। मैंने सारी दुनिया
जगदाती पहाड़ों वाली माँ, मेरी बिगड़ी बनाने आ जाओ। (जगदाती पहाड़ों वाली माँ, मेरी बिगड़ी बनाने आ जाओ) मेरा और सहारा कोई ना, (मेरा और सहारा कोई ना) मेरी लाज बचाने आ जाओ, (मेरी लाज बचाने आ जाओ) जगदाती पहाड़ों वाली माँ, मेरी बिगड़ी बनाने आ जाओ। (मेरी बिगड़ी बनाने आ जाओ) मैं निर्बल निर्धन
क्षमा करो, क्षमा करो, (क्षमा करो, क्षमा करो) मेरी भूल हुई शनि देवा (मेरी भूल हुई शनि देवा) हम आये तेरे द्वार, हम तेरी करे पुकार, प्रभु तन मन से तेरी सेवा, मेरी भूल हुई शनि देवा। (क्षमा करो, क्षमा करो) जीवन रथ का तूही सारथि, जन्म जन्म हो तेरी आरती। (जीवन रथ का तूही
तेरे सदके तू भेज दे बुलावा। दोनों हाथ जोड़ के मैं आऊं शेरावालिये, मांगू और क्या मैं इस के अलावा। छोड़ के ना दर तेरा जाऊं शेरावालिये। शेरां वाली, मेंहरा वाली ज्योतां वाली, लाटा वाली (शेरां वाली, मेंहरा वाली ज्योतां वाली, लाटा वाली) धरती क्या आकाश है क्या सब तेरे इशारों से चलते हैं, चाँद
मेरी मैया की चुनरी कमाल है, (मेरी मैया की चुनरी कमाल हैं) रंग सोणा सोणा लाल लाल है। मेरी मैया की चुनरी कमाल हैं, रंग सोणा सोणा लाल लाल है।। माँ की चुनरी के देख नज़ारे, चम चम चमके जिसमे, चाँद और सितारे, रंग उड़ रहे है प्यारे प्यारे। हीरे मोती से सजी बेमिसाल है,
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना। (कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना) जो रूखा सूखा दिया हमें, कभी उस का भोग लगा जाना॥ कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे, निर्धन के घर भी आ जाना। ना छत्र बना सका सोने का, ना चुनरी घर मेरे तारों
बड़े बलि महान बलि वीर वर बलि-२ डंका तुम्हारे नाम का बजता गली-गली॥ बलि बलि बलि बलि, ऐ बसुर अंग बलि। सदा तुम्हारी जय हो बजरंगबली। भगवान रामचंद्र की भक्ति तुम्हे मिली। दुश्मन की तोड़ देते हो गिन गिन के तुम नली॥ रणभूमि में जिस वक़्त गदा आपकी चली। रावण के दल में मच गयी